ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क घूमना है तो सितंबर से अक्टूबर का महीना है बेस्ट
इसके अलावा यहां 31 से अधिक स्तनधारी, 181 तरह के पक्षी, 3 तरह के रेंगने वाले, 9 तरह के उभयचर, 17 तरह के मोलस्क और लगभग 127 तरह के कीड़े-मकोड़े पाए जाते हैं
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क, इंडिया के बहुत ही खूबसूरत नेशनल पार्क में से एक है। 1,171 वर्ग किमी में एरिया में लगभग 754.4 वर्ग किमी में फैला है ये पार्क। यूनेस्को द्वारा साल 2014 में इस पार्क को वर्ल्ड हेरिटेज साइट की लिस्ट में शामिल किया गया। जिसका बायोडायवर्सिटी संरक्षण में बहुत बड़ा योगदान है। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में पेड़-पौधों की लगभग 375 वेराइटी मौजद है। इसके अलावा यहां 31 से अधिक स्तनधारी, 181 तरह के पक्षी, 3 तरह के रेंगने वाले, 9 तरह के उभयचर, 17 तरह के मोलस्क और लगभग 127 तरह के कीड़े-मकोड़े पाए जाते हैं। वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत इनकी सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं।जीवजंतुओं की सुरक्षा के लिहाज से हिमाचल प्रदेश सरकार ने लगभग 10 सालों से यहां शिकार करने पर बैन लगा रखा है। ब्लू शिप, स्नो लेपर्ड, हिमालयन ब्राउन बियर, ताहर और मस्क डियर के देखने के लिए आपको कुछ दूर का ट्रैक करना पड़ता है। हां, लेकिन सितंबर से लेकर नवंबर के महीने में प्रवास के दौरान जब ये नीचे की ओर आते हैं तब इन्हें देखना आसान होता है।पेड़-पौधों के लिहाज से भी यहां की वातावरण एकदम अनुकूल है। यहां आपको ऐसे कई तरह के पेड़-पौधे देखने को मिलेंगे जिन्हें शायद आपने पहले कभी नहीं देखा होगा। होर्स चेस्टनट से लेकर पाइन के अलावा हर्ब्स की भी कई सारी वेराइटी यहां मौजूद है।
पार्क की खासियत
1. यहां मौजूद पक्षियों को सांपों की कुछ प्रजातियां ऐसी भी हैं जो दुनिया भर से खत्म होने के कगार पर हैं।
वर्ष 2010 में सैंज (Sainj) और तीर्थन (Tirthan) वन्यजीव अभयारण्य को भी ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में शामिल कर लिया गया |
2. ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क संरक्षण क्षेत्र में एशियाई काले भालू, हिमालयी कस्तूरी मृग, नीली भेड़, हिमालयी ताहर, हिम तेंदुआ, पश्चिमी ट्रैगोपान आदि अनेक जीव प्रजातियाँ पायी जाती हैं|
3. ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क की सीमाएं 2010 में स्थापित खिरगंगा राष्ट्रीय पार्क (710 वर्ग किमी.), ट्रांस हिमालय में स्थित पिन वैली राष्ट्रीय पार्क (675 वर्ग किमी.), सतलज जलविभाजक में स्थित रूपी-भाभा वन्यजीव अभयारण्य (503 वर्ग किमी.) और कानावर वन्यजीव अभयारण्य (61 वर्ग किमी.) से मिलती हैं|
4. ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय पार्क संरक्षण क्षेत्र में जैवानल, सैंज तथा तीर्थन नदी तथा उत्तर-पश्चिम की ओर बहने वाली पार्वती नदी का जल उद्गम शामिल है।
कब जाएं
अक्टूबर से नवंबर के बीच यहां जाना बेस्ट रहेगा क्योंकि उस दौरान हिमालयन इको टूरिज़्म टीम की तरफ से ट्रैक ऑर्गनाइज किए जाते हैं। सर्दियों में यहां जाना अवॉयड करें क्योंकि उस दौरान यहां बहुत ज्यादा ठंड पड़ती है और कई बार तो स्नोफॉल भी देखने को मिलता है। मॉनसून सीज़न में यहां जाना पूरी तरह से अवॉयड करें।
कैसे जाएं
हवाई मार्ग
कुल्लू में भुंटर यहां का सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट है जो यहां से लगभग 60 किमी दूर है।
रेल मार्ग
मंडी के नज़दीक जोगिंदर नगर(143 किमी), ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क का सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है।
सड़क मार्ग
इस पार्क तक पहुंचने के लिए बसों की सुविधा अवेलेबल नहीं तो आप सैंज और तीर्थन वैली पहुंचकर यहां तक पहुंच सकते हैं।