देश में आर्थिक मोर्चे पर चीन को पटकनी देने की मुहिम शुरू हो गई है, हालांकि बाजार को भांपते हुए चीन ने अपने माल पर अब मेड इन चाइना नहीं बल्कि मेड इन PRC मतलब पीपल रिपब्लिक ऑफ चाइना लिखना शुरू कर दिया है. ऐसा इसलिए क्योंकि देश भर में चाइनीज माल की खपत लगातार गिरती जा रही है. पकिस्तान का साथ देना चीन को महंगा पड़ सकता है.
लोगों ने अब खासतौर पर चाइनीज सामान का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है. इसका कारण पकिस्तान को चीन का गैर जरूरी संरक्षण है. छत्तीसगढ़ में तो कई महिला संगठनों ने चाइनीज सामान के बहिष्कार को लेकर बाकायदा मुहिम छेड़ी हुई है. ये महिलाएं घर-घर जा कर लोगों से गुहार लगा रही हैं कि वो देशी सामान खरीदें, जिससे भारतीय बाजार में चीन को पटकनी दी जा सके.
रायपुर में कई महिला संगठन इन दिनों एक खास मुहिम में जुटी हुई हैं. पाकिस्तानी आतंकियों के हमले ने इन महिलाओं की इस मुहिम को और तेज कर दिया है. हाथों में तख्ती लेकर ये महिलाएं चाइनीज सामानों के बहिष्कार का आह्वान कर रही हैं. महिलाओं का जत्था दिन भर डोर टू डोर कैम्पेनिंग कर रहा है. उनकी इस मुहिम को लोगों का अच्छा-खासा साथ भी मिल रहा है.
नवरात्र और दीपावाली की तैयारियों में जुटे कई लोगों ने वादा किया है कि वो अब चाइनीज सामान की ओर नजर तक नहीं दौड़ाएंगे. छत्तीसगढ़ में चाइनीज सामानों की बिक्री की रकम सालाना पांच सौ करोड़ के लगभग है. इनमें चाइनीज फर्नीचर, गिफ्ट आइटम, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं और अन्य सामान शामिल हैं. महिला संगठनो के मुताबिक भारतीय बाजार में सिर्फ त्योहारी सीजन में चाइनीज सामानों की बिक्री का सालाना रकम तीन हजार करोड़ से ज्यादा का है.
इस मुहिम में जुटी महिलाओं के मुताबिक भारतीय बाजार में पैठ बनाने के बावजूद चीन ने लगातार भारत के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है. चाहे PAK आतंकियों के संरक्षण का मसला हो या फिर ब्रह्मपुत्र नदी के जल बंटवारे का. चीन की दगाबाजी ने उनकी आंखें खोल दी हैं. इस मुहिम के शुरुआती दौर में सिर्फ दो-चार महिलाएं ही जुटी थीं, लेकिन जैसे-जैसे चीन ने भारत को आंख दिखाना शुरू किया, महिलाओं की संख्या भी लगातार बढ़ती चली गई. आज लगभग डेढ़ हजार महिलाएं जुनूनी तौर पर चाइनीज सामानों के बहिष्कार की मुहिम में जुटी हुई हैं.
इस मुहीम में जुटी शिवानी सिंह के मुताबिक उनका मकसद हिंदुस्तान की जनता को चीन के सामान का कम से कम इस्तेमाल करने के लिए जागरूक करना है. महिलाओं का कहना है कि हमें ज्यादा से स्वदेशी चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे भारत का पैसा भारत में ही रहे. महिलाएं लोगों को बता रही हैं कि किस तरह से चीन पकिस्तान को सहयोग कर रहा है. वो आतंकी हाफिज सईद, ब्रह्मपुत्र नदी के जल का बंटवारा और चीन की दोगली चाल से लोगों को परिचित करा रही हैं.
महिलाओं की इस मुहीम ने रंग दिखाना भी शुरू कर दिया है. चाइनीज सामानों की बिक्री बीते सालों की तुलना में काफी गिर गई है. इसकी तस्दीक खुद व्यापारी भी कर रहे हैं. महिलाओ की मुहीम आगे कितना असर दिखाएगी ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन उनके इस कदम ने बाजार में खलबली जरूर मचा दी है.