जाधव की रिहाई के लिए ‘आउट ऑफ वे’ जाएगा भारत, इन 5 कदमों से काबू में आएगा PAK

पूर्व भारतीय नौसैनिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई है. इस मामले को लेकर भारत ने पाकिस्तान को सख्त हिदायत दी है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि कुलभूषण की रिहाई के लिए आउट ऑफ द वे जाकर कदम उठाएंगे तो राजनाथ सिंह ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट तक मामला ले जाने की बात कही. आखिर क्या है भारत सरकार का प्लान जो कुलभूषण की रिहाई की रास्ता साफ करेगा. ये पांच तरीके हैं जिनके जरिए भारत पाकिस्तान पर दबाव बनाएगा.

1. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जाधव के मामले में भारत के उच्चायोग ने 13 बार काउंसिलर एक्सेस की कोशिश की लेकिन पाकिस्तान ने ऐसा करने नहीं दिया. ये वियना कंवेन्शन का उल्लंघन है. भारत इस मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय तक जा सकता है. कुलभूषण की फांसी की सजा पर मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी. एमनेस्टी ने कहा है कि जाधव को मौत की सजा देकर पाकिस्तान की आर्मी कोर्ट ने एक बार फिर दिखा दिया है कि किस तरह उसने अंतरराष्ट्रीय मानकों का माखौल उड़ाया है.

2. पाकिस्तानी कैदियों की रिहाई रोककर
कुलभूषण जाधव मामले पर भारत सरकार हर हाल में पाकिस्तान पर दबाव बनाएगी. इसकी बानगी देखने को मिल भी गई. जाधव को सजा सुनाए जाने के 12 घंटे के अंदर भारत ने 12 पाकिस्तानी कैदियों की रिहाई रोक दी. एक दर्जन पाकिस्तानी कैदियों की जेल की सजा पूरी होने के बाद रिहाई होने वाली थी और बुधवार को ये कैदी अपने वतन वापस जाने वाले थे. लेकिन सरकार ने इस फैसले को फिलहाल टाल दिया.

3. वार्ता की संभावनाएं नकारकर
हाल में अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान के बीच वार्ता को फिर से शुरू कराने की बात कही तो भारत ने किसी मध्यस्थता की संभावना को सीधे खारिज कर दिया लेकिन पाकिस्तान ने तुरंत इसे लपक लिया. इससे साफ दिखता है कि पाकिस्तान बातचीत को कितना आतुर है. लेकिन अब जाधव मामले को लेकर भारत भविष्य में बातचीत की किसी संभावना को सिरे से खारिज कर सकता है. इससे पाकिस्तान को करारा झटका लगेगा. उरी हमले के बाद से भारत-पाक वार्ता बंद पड़ गई थी. भारत ने साफ कहा था आतंकवाद रुके बिना बात नहीं करेंगे. अप्रैल के बाद अमेरिका में आधाकारिक स्तर की वार्ता की संभावना जताई जा रही थी लेकिन अब भारत इसे खारिज कर सकता है.

4. सार्क जैसे मंचों पर अलग-थलग करके
जाधव मामले को लेकर भारत फिर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त हो सकता है. इसके लिए सार्क जैसे मंचों पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति अपनाई जा सकती है. उरी हमले के बाद भी भारत ने इस्लामाबाद में सार्क बैठक का बहिष्कार किया था और बाकी सदस्य भी हट गए थे. इसके बाद सार्क बैठक ही रद्द हो गई थी. इसके अलावा दुबई में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच कराने की अटकले भी हैं जिसे भारत साफ तौर पर नकारकर क्रिकेट की दुनिया से भी पाकिस्तान को काट सकता है.

5. सिंधु समझौता vs वियना समझौता
उरी हमले के बाद भी भारत ने सिंधु जल समझौते पर फिर से विचार करने की बात कही थी. पीएम मोदी ने खुद कहा था कि भारत के लोगों के हक का पानी पाकिस्तान में नहीं जाने देंगे. हालांकि, पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समझौते का हवाला देकर कहा था कि भारत समझौते से मुकर नहीं सकता. अब भारत ने जाधव मामले पर पाकिस्तान पर वियना कंवेन्शन के नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है. ऐसे में वह सिंधु समझौते को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है.

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