नहीं रहे देश के जाने माने पत्रकार कुलदीप नैयर

काफी समय से उनकी सेहत भी खराब थी। हाल ही में उन्हें निमोनिया की शिकायत थी

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : देश के जानेमाने वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का बुधवार रात को दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में निधन हो गया। वह 95 साल के थे। परिवार के सूत्रों के मुताबिक, बृहस्पतिवार दोपहर 1 बजे लोधी घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। बताया जा रहा है कि कुलदीप नैयर पिछले चार दिनों से दिल्ली के अस्पताल में आईसीयू में भर्ती थे। काफी समय से उनकी सेहत भी खराब थी। हाल ही में उन्हें निमोनिया की शिकायत थी।गौरतलब है कि विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में काम करने वाले कुलदीप नैयर ने राजनीति से लेकर भारत-पाकिस्तान रिश्ते तक में कई चर्चित किताबें लिखी हैं। वह शांति और मानवाधिकारों को लेकर अपने रुख के लिए कारण देश-दुनिया में जाने जाते थे।कुलदीप के नैयर के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया है। पीएम मोदी ने ट्वीट के जरिये कहा- ‘वह हमारे समय के सशक्त बौद्धिक व्यक्ति थे। वे निडर विचारों वाले थे। उन्होंने आपातकाल के दौरान अपनी आवाज बुलंदी से उठाई थी। देश उन्हें हमेशा याद करेगा।’वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया- ‘कुलदीप के निधन का समाचार सुनकर दुख हुआ। वे मशहूर लेखक-संपादक थे, साथ ही आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ी। उनके पाठक उन्हें याद करेंगे।’कुलदीप के निधन पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दुख जताया है। केजरीवाल ने ट्वीट में लिखा है-‘उन्हें प्रेस की आजादी और लोकतांत्रिक मूल्यों की लड़ाई लड़ी। यह देश का नुकसान है।’ कुलदीप नैयर का जन्‍म 14 अगस्‍त 1924 में सियालकोट में हुआ था और उन्होंने लॉ की डिग्री लाहौर में ली थी। फिर अमेरिका से पत्रकारिता की डिग्री हासिल करने के बाद दर्शनशास्‍त्र से पीएचडी भी की थी।उन्होंने भारत सरकार के प्रेस सूचना अधिकारी के पद पर कई वर्षों तक कार्य किया। उन्‍हें आपातकाल के समय गिरफ्तार भी किया गया था। उनका कॉलम ‘बिटवीन द लाइन्स’ काफी चर्चित रहा, जिसे 80 से ज्यादा अखबारों ने प्रकाशित किया था। कुलदीप नैयर 1996 में संयुक्‍त राष्‍ट्र गए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्‍सा बने थे। इससे पहले 1990 में उन्‍हें ब्रिटेन में भारत का उच्‍चायुक्‍त बनाया गया। उन्हें 1997 में संसद के ऊपरी सदन, राज्‍य सभा के लिए मनोनीत किया गया था।

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