नई दिल्ली: पनामा पेपर्स लीक के बाद पैराडाइज पेपर्स लीक मामले में सिर्फ भारत से ही सैकड़ों नाम सामने आए जिसमें भाजपा नेताओं के नाम भी शामिल हैं। इनमें पूर्व कैबिनेट मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा और भाजपा सांसद रविंद्र किशोर सिन्हा का नाम भी शामिल है। मामले पर दोनों नेताओं ने सफाई दी है।
सफाई देते हुए मोदी सरकार में मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा है कि उन्होंने किसी निजी उद्देश्य के तहत कोई लेनदेन नहीं किया है सभी लेनदेन वैध और प्रमाणित हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में मंत्री बनने के बाद उन्होंने डी.लाइट डिजाइन नाम की कंपनी से इस्तीफा दे दिया था और कंपनी से सभी तरह के संबंध तोड़ दिया था।
तो वहीं भाजपा सांसद आरके सिन्हा ने अपने ही तरीके से इस मामले पर सफाई पेश की है। उन्होंने सात दिनों का मौन व्रत रख रखा है। उन्होंने एक कागज पर लिखकर बताया कि उन्होंने भगवत यज्ञ को लेकर मौन व्रत रखा हुआ है।
क्या है पैराडाइस पेपर्स
पैराडाइज पेपर्स विदेशों में कर बचाने के लिए किए गए निवेश या बैंकों में जमा संपत्ति की जांच से संबंधित हैं। वैश्विक स्तर पर 382 पत्रकार और 92 मीडिया संस्थानों नें साथ मिलकर यह खुलासा किया है।
कैसे सामने आए टैक्स चोरी के दस्तावेज?
दुनिया भर के 90 मीडिया संस्थानों के साथ मिलकर खोजी पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय कंसोर्टियम (आईसीआईजे) ने इनकी जांच की। ज्यादातर दस्तावेज बरमुडा स्थित ऐपलबी कंपनी के हैं जो कानूनी सेवाए मुहैया कराती है। कंपनी के दस्तावेज और कैरिबियाई क्षेत्र के कार्पोरेट रजिस्टर के दस्तावेज जर्मन अखबार ज्यूड डॉयचे त्साइटुंग ने हासिल किए थे। अखबार ने अपने सूत्र सार्वजनिक नहीं किए हैं। लीक के जवाब में ऐपलबी ने कहा है, “हम इस बात को लेकर संतुष्ट हैं कि हमारी ओर से या हमारे क्लाइंट्स की ओर से कुछ भी गलत नहीं किया गया है।”
पिछले साल पनामा पेपर्स में भी लीक हुए थे कई दस्तावेज
पिछले वर्ष दुनिया में सबसे अधिक गोपनीयता से काम करने वाली पनामा की कंपनी मोसाक फोंसेका के लाखों कागजात लीक हो गए थे। इसमें लोग ऐसी जगह पर अपना पैसा लगाते हैं जहां टैक्स का कोई चक्कर ही नहीं हो। यानी ‘टैक्स चोरी का स्वर्ग’। खोज करने वाले पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय समूह ने 1 करोड़ 15 लाख गुप्त दस्तावेजों का निर्माण किया था। इसी में इसका भी खुलासा हुआ था कि आठ कंपनियों का नवाज शरीफ के परिवार के साथ रिश्ता है, जिसके चलते उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने अपदस्थ कर दिया था।
रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खास दोस्त सर्जेई रोल्दुगिन का भी नाम भी इसमें आया था। पैराडाइज की तरह भी पनामा में भी शेल कंपनियों के जरिए लोगों और कंपनियों ने पैसे, संपत्तियां या लाभ कहीं और भेजकर कम टैक्स अदा कर ज्यादा फायदा उठाया।