बजट पेश होने के फ़ौरन बाद शुरू हो गया उसका विरोध, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने खोला मोर्चा

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : नई दिल्ली। जहाँ एक तरफ भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ समाज का एक बड़ा वर्ग आज पेश हुए बजट को समाज के हित में उठाया गया अब तक का सबसे बेहतरीन बजट बताया है तो वहीँ इस मामले में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस खुल कर विरोध में उतर आई हैं . खास कर समाजवादी पार्टी ने तो मोर्चा खोलते हुए प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ऐसा विरोध प्रदर्शन किया है जो आम जनता के बीच बन गया है चर्चा का विषय . कांग्रेस ने शुक्रवार को पेश किए गए अंतरिम बजट को ‘बीजेपी का चुनावी घोषणापत्र’ करार दिया और कहा कि मोदी सरकार के प्रदर्शन के रिपोर्ट कार्ड को मुहैया कराए बगैर यह लोकसभा चुनाव के लिए मतदाताओं को लुभाने का प्रयास है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “आज का बजट बीजेपी का चुनावी घोषणापत्र है। यह और कुछ नहीं बल्कि मतदाताओं को घूस देने की कोशिश की है। बजट की यह पूरी कवायद आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर की गई है।” सपा के पूर्व पार्षद रविकांत विश्वकर्मा ने कहा कि मोदी सरकार का यह बजट लोगों को बेवकूफ बनाने वाला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जिस तरीके से 2014 के चुनाव में जीत के बाद लगातार आम जनता को लॉलीपॉप थमाती आई है, उसी तरह से अपने अंतरिम बजट में भी उन्होंने किसानों, प्राइवेट संस्थानों में काम करने वाले लोगों, गर्भवती महिलाओं को लॉलीपॉप थमाकर 2019 के चुनाव जीतने का शिगूफा छोड़ा है। उन्होंने कहा, “बजट में सरकार के 5 साल के प्रदर्शन के बारे में कुछ नहीं है। उन्होंने क्या उपलब्धि हासिल की और उनके कितने वादे पूरे हुए इस बारे में नहीं बताया गया।” खड़गे ने वोट ऑन अकाउंट के बदले ‘पूर्ण बजट’ पेश करने पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, “यह वोट ऑन अकाउंट होना चाहिए, उनका जनादेश मई तक है। उसके स्थान पर, उन्होंने पूरे वर्ष के लिए बजट पेश कर दिया।”सपा नेता किशन दीक्षित ने कहा कि यह चुनावी लॉलीपॉप मोदी के क्षेत्र में काम करने वाला नहीं है। मोदी सरकार ने जिस तरीके से अभी तक देश की जनता को बेवकूफ बनाया है वैसे ही एक बार फिर बेवकूफ बनाना चाहती है, लेकिन पीएम की काशी के लोग समझ चुके है और जनता 2019 में इसका जबाब देने को तैयार हो चुकी है।

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