भारत बॉन्ड ETF ऐसे बचाएगा आपका टैक्स।
। यह फंड केंद्र सरकार की चुनिंदा कंपनियों की ओर से जारी किए जाने वाले बॉन्ड्स में निवेश करेगा।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : म्यूचुअल फंड निवेशकों को निवेश का एकनया विकल्प मिलने जा रहा है। भारत बॉन्ड ईटीएफ एक डेट फंड है। मोटे तौर पर यह कॉरपोरेट डेट फंड है। भारत में कई कॉरपोरेट डेट फंड हैं, लेकिन यह ETF पहले वालों की तरह नहीं है। यह फंड केंद्र सरकार की चुनिंदा कंपनियों की ओर से जारी किए जाने वाले बॉन्ड्स में निवेश करेगा। भारत के डेट म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर अभी जिस स्थिति में हैं, उसे देखते हुए यह एक दिलचस्प और अहम फंड है। भरोसेमंद और टैक्स के मोर्चे पर बचत कराने वाले फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट ऑप्शन तलाश रहे लोगों के लिए यह फंड बहुत अच्छा साबित हो सकता है। डेट फंड्स टैक्स के लिहाज से भी काफी अच्छे होते हैं, बशर्ते इन्हें तीन साल से ज्यादा समय तक होल्ड किया जाए। तब इन पर इंफ्लेशन इंडेक्सिंग के साथ 20 प्रतिशत का टैक्स रेट होता है। गारंटीड फिक्स्ड इनकम के दूसरे विकल्पों पर टैक्स हमेशा ही निवेशक के टैक्स स्लैब के हिसाब से लगता है और इसमें जाहिर है कि इंडेक्सिंग भी नहीं होती है। इस लिहाज से इस ETF का फायदा ज्यादा है।
भारत बॉन्ड ETF में इन्वेस्टमेंट करने का मौका 12 दिसंबर से मिलेगा। इसका पहला इश्यू 12 दिसंबर को लॉन्च होगा। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने सरकार को भारत बॉन्ड ETF लाने की अनुमति दे दी है। बॉन्ड ETF का यह इश्यू 12 से 20 दिसंबर तक के लिए खुला रहेगा। फंड का मैनेजमेंट देख रही इडलवाइज ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी ने इसकी जानकारी वेबसाइट में दी है। कंपनी के अनुसार, 12 दिसंबर को विंडो ऐंकर निवेशकों के लिए होगा। इसके बाद 13 से 20 दिसंबर तक का विंडो अन्य निवेशकों के लिए होगा।
कितना निवेशः छोटे निवेशकों को इसमें न्यूनतम 1,000 रुपये का निवेश करना होगा। इसके ऊपर वे मल्टीपल इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। इसके अलावा, छोटे निवेशक, अधिकतम दो लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं। ऐंकर निवेशकों के लिए न्यूनतम राशि 10 करोड़ रुपये तय की गई है। कहां इस्तेमाल होगा पैसाः इडलवाइज ऐसेट कंपनी ने कहा है कि इस बॉन्ड में निवेश से जो फंड आएगा, उसका निवेश इस बॉन्ड इंडेक्स में शामिल कंपनियों में किया जाएगा। ऐसे में इससे बेहतर रिटर्न मिलने की उम्मीद है। भारत बॉन्ड ETF एक लिहाज से भारत-22 इक्विटी ETF का सहयोगी फंड है, जिसे सरकार ने 2014 में लॉन्च किया था। बाद में CPSE ETF भी लॉन्च किया गया था। उस समय मैंने कहा था कि लॉन्च के समय दिए जा रहे कुछ डिस्काउंट्स को हटाकर देखें तो सैद्धांतिक रूप से ऐसे फंड निवेशकों के लिए अच्छे नहीं होते। मेरी राय यह थी कि फंड इन्वेस्टर्स को थीम पर आधारित फंड में पैसा नहीं लगाा चाहिए। अगर यह मान भी लें कि थीम आधारित फंड किसी समय अच्छे हो भी सकते हैं तो वह थीम कम से कम निवेश से तो जुड़ी होनी ही चाहिए। वह फाइनैंस हो सकती है या फार्मा या ऑटो या इसी तरह की कोई और थीम, जो शेष बाजार से बेहतर प्रदर्शन कर सकती हो। हालांकि मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि भारत-22 ETF या CPSE ETF ऐसे नहीं थे। इसके बजाय एक अजीब तरह के एंटिटी थीमैटिक फंड थे, जिसमें थीम यह थी कि भारत सरकार कंपनियों की प्रमोटर और मैनेजर है।