(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : सऊदी अरब के सार्वजनिक अभियोजन पक्ष ने ऐसे मामलों में सज़ा दिए जाने की वकालत की है.ऐसे व्यंग्य लिखने और शेयर करने वाले को पांच साल की सज़ा और आठ लाख डॉलर का जुर्माना भरना पड़ सकता है.अभियोजन पक्ष इससे पहले भी सरकार की आलोचना करने वालों के खिलाफ एंटी-साइबरक्राइम लॉ का इस्तेमाल करता रहा है.लेकिन ताज़ा घोषणा के तहत सोशल मीडिया पर व्यंग्य भरे पोस्ट लिखने वाले लोगों पर भी अब गाज गिरेगी.पिछले साल सऊदी अरब की सरकार ने असहमति जताने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की थी. इसमें महिला अधिकारों के लिए काम करने वाले दर्जनों कार्यकर्ताओं, मानवाधिकार रक्षकों, प्रभावशाली धार्मिक नेताओं और बुद्धिजीवियों को हिरासत में लिया गया था.इनमें जानेमाने धार्मिक नेता सलमान-अल-अवदाह भी शामिल हैं. ट्वीटर पर उनके 14 मिलियन से ज़्यादा फॉलोअर्स हैं.सऊदी अरब के सार्वजनिक अभियोजन पक्ष ने सलमान-अल-अवदाह के लिए मौत की सज़ा की मांग की है. उनपर चरमपंथ से जुड़े आरोप लगाए गए हैं.उनके ख़िलाफ़ रियाद में चल रहे विशेष आपराधिक कोर्ट में सुनवाई के पहले दिन ये मांग रखी गई.61 साल के सलमान-अल-अवदाह के ख़िलाफ़ कुल मिलाकर 37 मामले दर्ज किए गए हैं. लंदन की सऊदी राइट्स फाउंडेशन के मुताबिक इन मामलों में सरकार के ख़िलाफ़ लोगों को उकसाने का मामला भी शामिल है.अवदाह के बेटे ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि उनके पिता के ख़िलाफ़ आलोचना भरे ट्वीट करने और पैगंबर मोहम्मद के सम्मान की रक्षा के लिए एक संस्था बनाने का आरोप है.एमनेस्टी इंटरनेशनल के कार्यकर्ता डाना अहमद ने पत्रकारों से कहा, “सऊदी में ये चिंताजनक ट्रेंड गंभीर संदेश दे रहा है कि शांतिपूर्ण असहमति और अभिव्यक्ति दर्शाने वाले लोगों को मौत की सज़ा दी जाएगी.”हालांकि सऊदी के अटॉर्नी जनरल ने इस मामले पर अबतक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.सऊदी अरब के शासन में राजपरिवार का बोलबाला है. यहां सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शन करने और राजनीतिक पार्टी बनाने पर रोक है.
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