(न्यूज़ लाइव नाऊ)संजीब ब्रह्मा, मुंबई: साधारण सा दिखने वाले संभाजी भिडे साधारण नहीं बल्कि बहुत विशेष व्यक्तित्व हैं। संभाजी भिडे भैतिकी( फिजिक्स) मे गोल्ड मेडलिस्ट हैं। भिडे पुणे के प्रतिष्ठित फेगर्सन कॉलेज में प्रोफेसर रह चुके हैं। इनको इनके सेवा कार्यों के लिये 100 से भी ज्यादा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पुरुस्कारों पुरुस्कृत किया जा चुका है। संभाजी भिडे ने 67 डॉक्टोरल एवं पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च कार्य किये हैं। नासा एवं पेंटागन के सलाहकार सद्स्यों की कमेटी के सद्स्य रह चुके हैं। ये गौरव प्राप्त करने वाले संभाजी भिडे पहले और एक मात्र भारतीय वैज्ञानिक हैं। हिंदुत्व के लिये इनका योगदान सराहनीय माना जाता है। फिलहाल संभाजी भिडे का निवास स्थान सबनिसवाडी सतारा में है। संभाजी भिडे ने प्रचारक के तौर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में भी अपनी सेवायें दी हैं। 1980 में संभाजी भिडे ने स्वेच्छा से संघ से मुक्त होकर “शिव प्रतिष्ठान” नामक एक स्वयंसेवक संगठन का निर्माण किया।
संभाजी भिडे का गांव-गांव फिरकर गरीबों की सेवा करना, उनको शिक्षित करना उन्हें रोजगार दिलाना ही इनका मुख्य कार्य है। आज महाराष्ट्र मे 10 लाख से भी ज्यादा युवा इनको फॉलो करते हैं। इन्होंने मां भारती की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित किया है। ये सिर्फ खादी पहनते हैं और बिना चप्पल के यात्रा करते हैं चाहे कितनी दूरी की क्यों न हो।
इनके अनुयाई इनको महामानव मानते है, फिलहाल संभाजी भिडे पर महाराष्ट्र में दंगे भडकाने का आरोप लगा है जिसे राजनीति द्वारा प्रेरित माना जा रहा है।
200 साल से अंग्रेजों की जीत का भीमाकोरेगांव उत्सव था जिसे ‘शौर्य दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, भिडे जी ने इसे न मनाने के लिये विनम्र निवेदन किया और महारों को समझाने के लिये एक बैठक बुलाई। आरोप है कि 31 दिसंबर को उमर खा-लीद और जिग्नेश मेवाणी ने भिडे जी के खिलाफ भडकाऊ भाषण दिये। जिससे वहां की स्थानीय जनता भडक गयी और कुछ हाथापाई हुई। इसके बाद विवाद बढ़ाता गया और कुछ कथित दलित संगठनों ने पूरे महाराष्ट्र में कई जगह प्रदर्शन किये और तोड़फोड़ की। अब संभाजी भिडे पर भी मुकद्दमे दर्ज़ करवा दिए गए हैं।
लेकिन वहीँ जानकारों का मानना है कि इससे संभाजी भिडे को बड़ी पहचान मिल गई है। अब पूरे देश से कई हिंदूवादी संभाजी भिडे से जुड़ने लगे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या रंग आता है?