चीन के रक्षा बजट में होगा 8.1 फीसदी का इजाफा।

भारत की बढ़ सकती है टेंशन!

(एनएलएन मीडिया-न्यूज़ लाइव नाऊ) पेइचिंग: चीन साल 2018 में अपना रक्षा बजट 8.1 फीसदी बढ़ाने जा रहा है। राष्ट्रीय विधायिका में सोमवार को पेश की गई बजट रिपोर्ट के मुताबिक, बजट में यह इजाफा पिछले साल के मुकाबले सात फीसदी अधिक है। चीन का पिछला रक्षा बजट ही भारत से 3 गुना ज्यादा था, ऐसे में चीन का लगातार रक्षा बजट में इजाफा करना भारत के लिए चिंता का विषय साबित हो सकता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, सोमवार से शुरू हो रहे 13वीं नैशनल पीपल्स कांग्रेस के पहले सत्र के समक्ष पेश होने से पहले मीडिया में उपलब्ध इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश का 2018 का रक्षा बजट 1110 करोड़ युआन (175 अरब डॉलर) यानी 11 हजार 375 अरब रुपये से ज्यादा होगा। 13वीं एनपीसी की पहली वार्षिक बैठक के प्रवक्ता झांग येसुई ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कई प्रमुख देशों की तुलना में चीन के रक्षा बजट में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और राष्ट्रीय राजकोषीय व्यय से छोटा सा हिस्सा लिया गया है। झांग ने कहा कि देश का प्रति व्यक्ति सैन्य खर्च अन्य प्रमुख देशों की तुलना में कम है। लंदन के थिंक टैंक इंटरनैशनल इंटस्टिट्यूट फॉर स्ट्रैटजिक स्टडीज के मुताबिक, चीन ने पिछले साल रक्षा क्षेत्र के लिए 151 अरब डॉलर यानी 9 हजार 815 अरब रुपये का बजट आवंटित किया था लेकिन फिर भी यह अमेरिका के 603 अरब डॉलर (39 हजार 198 अरब रुपये) से 4 गुना कम है। हालांकि, यह भारत के मौजूदा रक्षा बजट से 3 गुना ज्यादा है। भारत ने बीते साल 52.5 अरब डॉलर यानी 3 हजार 409 अरब रुपये का रक्षा बजट रखा था। चीन की आधिकारिक मीडिया ने रक्षा खर्च को बढ़ाकर 175 अरब डॉलर किए जाने पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि यह पिछले दो साल की तुलना में थोड़ा अधिक है। 2013 के बाद तीसरी बार रक्षा बजट में इकाई अंक की वृद्धि की गई है। 2016 में रक्षा खर्च में 7.6 प्रतिशत और 2017 में सात प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। एनपीसी के प्रवक्ता झांग येसुई ने कल कहा कि अन्य प्रमुख देशों की तुलना में चीन का रक्षा बजट सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और राष्ट्रीय राजकोषीय व्यय का एक छोटा-सा हिस्सा है। उसका प्रति व्यक्ति सैन्य खर्च अन्य प्रमुख देशों की तुलना में कम है। उन्होंने कहा, रक्षा बजट की वृद्धि का एक बड़ा हिस्सा पूर्व में किये गये कम सैन्य खर्च की भरपाई है और इसका उपयोग मुख्यत: उपकरणों के उन्नयन और सैन्यकर्मियों के कल्याण एवं जमीनी स्तर पर तैनात टुकड़ियों के रहन-सहन के स्तर और प्रशिक्षिण स्थितियों को बेहतर बनाने में किया जाएगा।’

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