केरल नन रेप केस में बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ बयान देने वाले फादर की संदिग्ध हालात में मौत।
फादर कुरियाकोस सोमवार को जालंधर के दासुआ स्थित सेंट मैरी चर्च में मृत पाए गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें कई दिनों से धमकी मिल रही थी और कुछ ही पहले ही उनकी कार पर भी हमला हुआ था।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : केरल नन रेप में अहम गवाह और आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ बयान देने वाले फादर कुरियाकोस की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। वह सोमवार को जालंधर के दासुआ स्थित सेंट मैरी चर्च में मृत पाए गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें कई दिनों से धमकी मिल रही थी और कुछ ही पहले ही उनकी कार पर भी हमला हुआ था। जालंधर पुलिस मामले की जांच कर रही है। दासुआ के डीएसपी एआर शर्मा ने कहा, ‘पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर ही मौत की वजह का खुलासा होगा।’ उन्होंने आगे कहा, ‘वह सेंट पॉल चर्च में रहते थे जहां पर वह मृत पाए गए। उनकी उम्र 62 साल थी। हालांकि उनके शव पर चोट के कोई निशान नहीं मिले हैं। ऐसा मालूम हो रहा है कि उन्हें बेड पर उल्टियां हुई थीं। वहां ब्लड प्रेशर की टैबलेट भी मिली हैं। मामले की जांच जारी है। हमारी जानकारी में उन्हें कोई सुरक्षा नहीं दी गई थी।’ उधर, फादर के परिवार का कहना है कि उनकी मौत के पीछे रेप के आरोपी मुलक्कल वजह हो सकते हैं। बता दें कि फादर कुरियाकोस ने पिछले दिनों केरल पुलिस के सामने जीजस मिशनरी की नन से रेप के आरोप में बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ बयान दिया था। कुरियाकोस के परिवार कहना है कि उन्हें उनकी मौत पर संदेह है। साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि फादर कुरियाकोस को फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ बयान देने के लिए मारा गया है। बताया जा रहा है कि फादर कुरियाकोस ने इससे पहले आरोप लगाया था कि उन्हें पीड़ित नन के समर्थन में बयान देने के चलते काफी दबाव में थे। फादर कुरियाकोस जालंधर डायसिस में वोकेशनल टीचर थे। उन्होंने पीड़िता के साथ-साथ प्रदर्शन कर रहीं सिस्टर को भी पढ़ाया था। हाल ही में केरल हाई कोर्ट ने नन के साथ रेप के आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल को सशर्त जमानत दे दी थी। कोर्ट ने जमानत के लिए जिन शर्तों को निर्धारित किया है, उसके तहत आरोपी बिशप केरल में प्रवेश नहीं कर सकते और साथ ही उन्हें अपना पासपोर्ट भी कोर्ट में जमा करना होगा। इससे पहले 21 सितंबर को गिरफ्तार किए गए बिशप की जमानत 3 अक्टूबर को खारिज कर दी गई थी। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट के समक्ष नई याचिका दायर की। इसमें उन्होंने दलील दी थी कि पुरानी याचिका के वक्त अभियोजन ने जो आपत्तियां की थी, वह अब नहीं हैं। जमानत के बाद जब वह जालंधर पहुंचे थे तो उनके समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया था। आपको यह भी बता दें कि पीड़िता नन ने आरोप लगाया था कि बिशप ने 2014 से 2016 के बीच कई बार उनके साथ रेप किया था। मामला तूल पकड़ने के बाद बिशप ने अपने बचाव में कई तर्क दिए। उन्होंने यहां तक कहा कि उनसे बदला लेने के लिए यह शिकायत की गई है। बिशप ने नन के खिलाफ जांच करने की भी अनुमति मांगी थी।