(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : नई दिल्ली। हमीरपुर के खनन घोटाले में फांसी IAS चन्द्रकला मामले में सपा मुखिया तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पहले ही जांच के दायरे में आ चुके हैं तो वहीं इस मामले में समाजवादी पार्टी के एमएलसी रमेश मिश्रा का नाम भी सामने आया है। सीबीआई की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि हमीरपुर के खनन घोटाले में फंसे सपा के एमएलसी रमेश मिश्रा और उनके भाई दिनेश मिश्रा ने अरबों की अवैध कमाई की है। इस कमाई को दोनों भाइयों ने फिल्म फाइनेंस, प्रापर्टी, सोना के साथ ही स्टोन क्रसर में लगाया है। दोनों भाइयों का अंदेशा था कि कभी भी जांच एजेंसियां खनन मामले में जांच कर सकती है, इसलिए अधिकांश धंधे दूसरों के नाम पर कर रहे थे। पता चला है कि इसके कुछ सबूत भी सीबीआई के हाथ लगे हैं। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि हाथ लगे सबूतों के आधार पर सोमवार को एमएलसी को पूछताछ के लिए लखनऊ बुलाया गया था, लेकिन वे प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश नहीं हुए। एमएलसी रमेश मिश्रा और उसके भाई दिनेश किदवई नगर के ब्लॉक में रहते हैं। दोनों भाइयों का नाम हमीरपुर में मौरंग के अवैध खनन में सामने आया था। पिछले दिनों सीबीआई ने दोनों भाइयों के घरों को खंगाला था। टीम ने दोनों के घरों और एमएलसी के हमीरपुर स्थित दफ्तर व घर की भी छानबीन की थी। सीबीआई ने हमीरपुर की तत्कालीन डीएम बी चंद्रकला, एमएलसी व उनके भाई समेत कई लोगों के खिलाफ वहां रिपोर्ट कराई थी। सीबीआई अफसरों ने सभी आरोपियों और उनके परिजनों को पूछताछ के लिए सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय, लखनऊ में तलब किया था। एमएलसी रमेश के वकील ने अफसरों को बताया था कि रमेश मिश्रा विधान पषिद की बैठक में गए हैं इसलिए निदेशालय नहीं पहुंच सके हैं। हालांकि रमेश मिश्रा के मुनीम समेत कई लोग लखनऊ पहुंचे थे। इनसे पूछताछ भी हुई। रमेश मिश्रा और उनसे जुड़े काकादेव इलाके में रहने वाले एक परिवार ने शहर के दक्षिणी इलाके में करोड़ों की जमीन खरीद रखी है। एमएलसी रमेश मिश्रा सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति का करीबी था। इसी के चलते अवैध खनन के सिंडिकेट में शामिल हो गया था। मामला तत्कालीन सपा सरकार में भी उछला था, लेकिन सत्ता के दबाव में दब गया था। भाजपा सरकार के आने के बाद सीबीआई सक्रिय हुई और पूरा मामला खुल गया।