(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : जामिया के समीप गोली चली है। नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में जामिया से राजघाट तक मार्च के दौरान बृहस्पतिवार दोपहर एक युवक ने गोली चला दी, जिसमें एक छात्र घायल हो गया है। फायरिंग की घटना के दौरान पुलिस चंद कदमों की दूरी पर तैनात थी, जिसे तत्काल पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। घायल छात्र का नाम शादाब, जो जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में पढ़ता है। एनआरसी के विरोध में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के सामने से राजघाट तक लांग मार्च शुरू हो चुका है। इस मार्च में बड़ी संख्या में जामिया नगर, शाहीन बाग, ओखला, नूर नगर आदि इलाकों के लोग शामिल हैं। शाहिन बाग धरने में से भी बहुत से लोग शामिल हुए हैं इस मार्च में। पिछली बार के अनुभव को देखते हुए पुलिस को आशंका है कि मार्च के दौरान बवाल हो सकता है। इसलिए जगह-जगह भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। जामिया मिल्लिया से लेकर सुखदेव विहार, होल्ली फैमिली अस्पताल, सूर्या होटल, मथुरा रोड, मोदी मिल फ्लाईओवर आदि जगहों पर भारी संख्या में पुलिस और आरएएफ के जवान तैनात हैं। पूरे इलाके का ट्रैफिक अस्त-व्यस्त है। शाहीन बाग और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में 45 दिनों से लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। लोग नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ सड़कों पर बैठे हुए हैं। लगातार प्रदर्शनों के बीच प्रदर्शन कमिटी ने आज (बृहस्पतिवार) यानी 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर राजघाट तक नौ किलो मीटर लंबा मार्च निकालने का आह्वान किया है। इस दौरान पूरे देश से लोगों को शामिल होने की अपील की गई है। इसके कारण बृहस्पतिवार को दक्षिणी दिल्ली में लोगों को भयंकर जाम का सामना करना पड़ सकता है। नौ किलोमीटर लंबे मार्च को लेकर लोग आशंकित दिखाई दे रहे हैं। राजघाट तक के मार्च को लेकर पूरी दक्षिणी दिल्ली के थमने की आशंका है। अभी तक लोग केवल कालिंदी कुंज मार्ग के बंद होने से ही परेशान हैं। मार्च में शामिल लोगों की सुरक्षा और बाकी लोगों की सुरक्षा भी एक अहम मुद्दा है। हालांकि, प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इलाके की शांति व्यवस्था भंग नहीं होने दी जाएगी। वहीं,स्थानीय लोग 15 दिसंबर की शाम में हुए हिंसक प्रदर्शन को लेकर अभी तक भयभीत हैं। जामिया मिल्लिया इस्लामिया और शाहीन बाग समेत चार जगहों पर सीएए को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। हालांकि, जैसे जैसे दिन बीत रहे हैं। प्रदर्शनकारियों की संख्या कम हो रही है। संख्या कम होने के कारण कमिटी की तरफ से बार-बार लोगों से प्रदर्शन में पहुंचने की अपील की जा रही है। वहीं, स्थानीय लोगों की भी धरने की वजह से नाराजगी बढ़ती जा रही है। हौजरानी और निजामुद्दीन में भी लोग लगातार चौबीस घंटे धरने पर बैठे हुए हैं। जिससे कभी भी समस्या बढ़ने की संभावना है।