न्यूजीलैंड की PM जैसिंडा ने कहा चीन का रवैया नि:सन्देह पहले से अधिक आक्रामक, राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन हाल के वर्षों में बदल गया
(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री के रूप में अपने पिछले पांच के कार्यकाल पर गौर करते हुए जैसिंडा अर्डर्न ने कहा कि इस दौरान क्षेत्र में चीन का रवैया निस्संदेह पहले से अधिक आक्रामक हुआ है। उन्होंने साथ ही सचेत किया कि छोटे प्रशांत देशों के साथ संबंध बनाना, दूसरे पर हावी होने की कोशिश करने का खेल नहीं बनना चाहिए। अर्डर्न ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ और ‘ऑस्ट्रेलियन एसोसिएटेड प्रेस’ के साथ बृहस्पतिवार को एक संयुक्त साक्षात्कार में कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन हाल के वर्षों में बदल गया है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यदि मैं थोड़ा दूर से क्षेत्र को देखूं तो हमारे क्षेत्र में हमने जो कुछ बदलाव देखे हैं, उनमें से एक यह है कि हम अधिक आक्रामक चीन को देखते हैं।’’
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने चीन को लेकर बड़ा बयान दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले पांच साल के कार्यकाल पर नजर डालें तो नि:सन्देह चीन के तेवर पहले से ज्यादा आक्रामक हो गए हैं। उन्होंने यह भी आगाह किया कि चीन छोटे प्रशांत देशों के साथ संबंध बनाने के लिए लगा है। इसके अलावा दूसरे पर हावी होने का प्रयास भी कर रहा है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन हाल के वर्षों में पूरी तरह से बदल गया है। उन्होंने आगे कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यदि मैं आस पास या दूर के इलाके पर नजर डालू तो चीन काफी आक्रमक होते दिखाई देता है। अर्डर्न ने आगे कहा कि ‘‘इसके कई कारण होंगे। क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में उसका एकीकरण, चीन का विकास, उसके मध्यम वर्ग का विकास ऐसे कारणों की एक पूरी लिस्ट है।’’
चीन ने इन क्षेत्रों में साहसिक कदम उठाए
उन्होंने आगे कहा कि कई अलग-अलग मुद्दों और संबंधों पर अधिक मुखर दृष्टिकोण देखा है। चीन ने इस वर्ष प्रशांत क्षेत्र में कुछ साहसिक भू-राजनीतिक कदम उठाए। उसने सोलोमन द्वीप समूह के साथ एक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किया। इसके बाद सुरक्षा से लेकर मत्स्य पालन तक सभी क्षेत्रों को समेटने वाले व्यापक समझौते पर 10 प्रशांत देशों से हस्ताक्षर कराने का लगातार प्रयास में लगा रहा लेकिन सफल नहीं हुआ।
चीन से परेशान ये देश
चीन के इन कदमों से अमेरिका समेत पश्चिमी देश परेशान देखे जा सकते हैं। वहीं अर्डर्न ने इस आलोचना को भी खारिज कर दिया कि न्यूजीलैंड ने इस साल पर्याप्त उपस्थिति दर्ज नहीं कर पाई है। अर्डर्न ने कहा, “प्रशांत क्षेत्र हमारे घर जैसा है क्योंकि हम एक परिवार की तरह हैं, हम प्रशांत का हिस्सा हैं।”’ उन्होंने कहा कि ये संबंध सामुदायिक स्तर पर बनाए गए हैं।