चुनाव आयोग से मिले झटके के बाद भी शरद यादव जनता दल (यूनाटेड) और उसके चुनाव चिह्न पर दावा छोडऩे के तैयार नहीं हैैं। दिल्ली में पार्टी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर शरद गुट ने यह साबित करने की कोशिश की और अब नए सिरे से चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाएगा। उधर, घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए जदयू नेताओं ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी एकजुट है।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद शरद गुट ने अधिकांश राज्यों के पार्टी अध्यक्षों के साथ होने का दावे के साथ ही भाजपा का साथ जाने के लिए नीतीश कुमार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए समिति का गठन भी कर दिया।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी और उसके बाद पार्टी नेताओं के बयान से साफ है कि इसका मुख्य उद्देश्य जद (यू) और उसके चुनाव चिह्न पर दावे को मजबूत करना है। कार्यकारिणी की बैठक के बाद नीतीश गुट द्वारा निकाले गए पार्टी महासचिव अरुण कुमार श्रीवास्तव ने दावा किया कि अधिकांश राज्यों के पार्टी अध्यक्ष और कार्यकर्ता उनके साथ हैैं। ऐसे 20 राज्य अध्यक्षों के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भाग लेने का भी दावा किया गया। लेकिन शरद गुट इनमें से एक भी अध्यक्ष का नाम नहीं बता पाया।
पार्टी से निष्कासित सांसद अली अनवर ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बाद शरद गुट सोमवार को नए सिरे से चुनाव आयोग के सामने जदयू और उसके चुनाव चिह्न पर दावा पेश करेगी। दावे को साबित करने वाले दस्तावेज जमा करने के लिए चुनाव आयोग से छह हफ्ते का समय मांगा जाएगा। शरद गुट पहले भी यह दावा कर चुका है, लेकिन चुनाव आयोग ने इसके समर्थन में दस्तावेज नहीं होने के कारण दावे को खारिज कर दिया था। अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि इसके लिए जरूरी दस्तावेज तैयार किये जा रहे हैैं, जिनमें शरद यादव के समर्थक नेताओं के हलफनामे शामिल हैैं। इसके साथ ही शरद गुट सोमवार को ही उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मुलाकात कर राज्यसभा से उनकी सदस्यता समाप्त करने की मांग पर विचार नहीं करने का आग्र्रह करेगा। नीतीश कुमार गुट पार्टी के खिलाफ जाने के आरोप में शरद यादव की राज्यसभा की सदस्यता समाप्त करने की मांग कर रहा है।
पार्टी पर दावे के साथ ही शरद यादव गुट ने नीतीश कुमार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी भी शुरू कर दी है। इसके लिए अरुण कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय अनुशासनात्मक समिति का गठन किया गया है। यह समिति भाजपा के साथ गठबंधन करने पर नीतीश कुमार के खिलाफ कार्रवाई किये जाने पर विचार करेगी।
नीतीश कुमार की राष्ट्रीय अध्यक्षता को चुनौती देते हुए शरद यादव गुट ने गुजरात से पार्टी के एक मात्र विधायक छोटू भाई वसावा को अपना कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया है। गुजरात से राज्यसभा चुनाव में कांग्र्रेस नेता अहमद पटेल की जीत में वसावा ने अहम भूमिका निभाई थी। अली अनवर ने वसावा को देश में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी की पराजय का प्रतीक बताया।
चुनाव आयोग के सामने पार्टी के दावे के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए शरद यादव गुट ने अनोखा रास्ता निकाल लिया है। इसके तहत विभिन्न राज्यों में जदयू में हुए चुनावों को निरस्त कर दिया गया है। शरद यादव गुट का आरोप है कि नीतीश कुमार के कहने पर इन चुनावों मेंं पर्यवेक्षक बने अनिल हेगड़े ने गड़बड़ी की थी। इन चुनावों के निरस्त घोषित होने के बाद चुनाव में हारे पार्टी अध्यक्ष और अन्य सदस्य खुद बहाल मान लिए जाएंगे। इन्हीं अध्यक्षों को चुनाव आयोग के सामने पार्टी पर दावे के सबूत के रूप में पेश किया जा सकता है।
जदयू के इस विवाद के बीच पार्टी नेता महेश्वर हजारी कहते हैं कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में जदयू एकजुट है। पार्टी प्रवक्ता संजय झा ने कहा कि जदयू को लेकर चुनाव आयोग का फैसला आ चुका है। अब इसमें कोई संशय नहीं रहा।
विदित हो कि महागठबंधन से अलग होने के बाद से ही नीतीश कुमार व शरद यादव के बीच पार्टी को लेकर सियासी लड़ाई जारी है। शरद यादव महागठबंधन के समर्थन में हैं, जबकि नीतीश कुमार ने महागठबंधन के विरोधी राजग के साथ मिलकर सरकार बना ली है। विरोध करने पर शरद समर्थकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। जदयू अब शरद की राज्यसभा सदस्यता को समाप्त कराने के लिए भी प्रयासरत है।