गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या मामले में एक्शन, 6 पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज
संजीव जीवा हत्याकांड में गुरुवार को 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। ये पुलिसकर्मी उस गेट पर तैनात थे, जहां से शूटर विजय यादव असलहा लेकर कोर्ट में घुसा था। इसके बाद उसने अंधाधुंध फायरिंग करके संजीव को मौत के घाट उतार दिया था। उत्तर प्रदेश के लखनऊ कोर्ट में गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा की हत्या के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। कोर्ट की सुरक्षा में तैनात सात सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
(एन एल एन मीडिया – उत्तरप्रदेश):संजीव जीवा हत्याकांड में गुरुवार को 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। ये पुलिसकर्मी उस गेट पर तैनात थे, जहां से शूटर विजय यादव असलहा लेकर कोर्ट में घुसा था। इसके बाद उसने अंधाधुंध फायरिंग करके संजीव को मौत के घाट उतार दिया था। उत्तर प्रदेश के लखनऊ कोर्ट में गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा की हत्या के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। कोर्ट की सुरक्षा में तैनात सात सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस पर लगातार सवाल उठ रहे थे कि कैसे कोर्ट के अंदर पुलिस की सुरक्षा के बीच संजीव जीवा की एक हमलावर ने गोली मारकर हत्या कर दी। हालांकि, जीवा की हत्या के आरोपी विजय यादव को पुलिस ने मौके पर ही पकड़ लिया था। फिलहाल विजय यादव को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इससे पहले सीजेएम ने केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर पहुंचकर बयान दर्ज किया है। आरोपी जब तक ठीक नहीं हो जाता, तब तक अस्पताल में रहेगा।
पुलिस के मुताबिक जौनपुर के रहने वाले विजय यादव के खिलाफ एक नाबालिग लड़की का अपरहण कर उससे रेप करने सहित दो आपराधिक मामले पहले से दर्ज हैं। जीवा की हत्या के बाद विजय की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही केराकत के पुलिस क्षेत्राधिकारी गौरव शर्मा समेत थाने की पुलिस विजय के सर्की सुल्तानपुर गांव पहुंची और लोगों से उसके आपराधिक इतिहास के बारे में पूछताछ की। गौरव शर्मा ने बताया कि विजय लखनऊ में प्लंबर का काम करता था। वह एक शादी में शामिल होने 10 मई को अपने गांव आया था और अगले दिन लखनऊ वापस लौट गया था।
क्षेत्राधिकारी गौरव शर्मा ने बताया कि विजय यादव के खिलाफ दो आपराधिक मामले पहले से दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि एक मामला नाबालिग लड़की का कथित रूप से अपहरण करने और उससे रेप से संबंधित है। इस संबंध में आजमगढ़ के देवगांव पुलिस थाने में मामला दर्ज है। विजय के खिलाफ 2016 में दर्ज इस प्राथमिकी में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत भी आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि विजय के खिलाफ दूसरा मामला सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोपों से जुड़ा है, जो 2020 में केराकत पुलिस थाने में दर्ज किया गया था।
गौरतलब है कि विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट की कोर्ट में बुधवार को शूटर विजय यादव ने संजीव जीवा की हत्या की थी। कोर्ट में मौजूद प्रत्यक्षदर्शी वकील ने बताया था कि कोर्ट में भीड़ थी। जीवा सुनवाई का इंतजार कर रहा था। तभी एक शूटर आया और उस पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। मौके पर मौजूद एक महिला की गोद में बच्ची थी। इस दौरान मासूम के पीठ पर गोली लगी है, जो पेट से निकल गई।
वहीं, महिला के अंगूठे में गोली लगी। इस दौरान एक पुलिस कांस्टेबल को भी गोली लगी। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि संजीव जान बचाने के लिए अंदर भागा और वह 10 से 15 मिनट तक बेसुध पड़ा रहा। शूटर कह रहा था कि हम जीवा को मारने आए थे और मार दिया। जीवा पर बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या का आरोप था,जिन्होंने कभी मायावती की गेस्ट हाउस कांड में जान बचाई थी। जीवा पर जेल से गैंग चलाने और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप था।
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