Mahua Moitra को बार-बार और हाथ जोड़कर की गई प्रार्थना के बाद भी नहीं मिला बोलने का मौका, परंपरा का पालन किया स्पीकर ने
न्यूज़लाइवनाउ – कैश फॉर क्वेरी मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है. इससे पहले संसद सत्र शुरू होते ही कई विपक्षी सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से महुआ मोइत्रा को बोलने की अनुमति देने की मांग की.
Mahua Moitra Expelled: कई विपक्षी सांसदों ने लोकसभा स्पीकर से महुआ मोइत्रा को बोलने की अनुमति देने की मांग की. जिसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें बताया नियम क्या है. कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा स्पीकर से महुआ मोइत्रा को बोलने की अनुमति देने की मांग की. उन्होंने कहा, ”जिसके खिलाफ कोई शिकायत है, जस्टिस कहता है कि उन्हें बोलने का मौका देना चाहिए. अगर महुआ मोइत्रा के खिलाफ को कोई शिकायत है तो कम से कम उन्हें बोलने का मौका तो देना चाहिए. यह नया संदन नये कलंकित अध्याय का आगाज न करें.”
सुदीप बंदोपाध्याय ने स्पीकर के सामने जोड़े हाथ
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, “जिनके ऊपर आरोप लगाए गए (महुआ मोइत्रा) उन्हें अपनी बात रखने का मौका भी नहीं दिया गया. ये किस तरह की न्यायिक प्रक्रिया है. ये हर उस व्यक्ति का मौलिक अधिकार है कि जिस पर आरोप लगाए जाते हैं उसे बोलने का मौका दिया जाए.”
टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने लोकसभा में महुआ मोइत्रा को बोलने का मौका देने की मांग की. उन्होंने लोकसभा स्पीकर से मांग करते हुए कहा, “महुआ मोइत्रा के ऊपर आरोप लगें है तो उन्हें इस संसद में कम से कम 10 मिनट भी बोलने की अनुमति दें. उन्हें कुछ मिनट भी बोलने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है.”
इस दौरान उन्होंने सदन में हाथ जोड़कर कहा कि महुआ मोइत्रा को तृणमूल कांग्रेस पार्टी की ओर से बोलने दिया जाए. इसके बाद मोहुआ मोइत्रा बोलने के लिए खड़ी हुईं, लेकिन लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें रोक दिया.
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इसके जवाब में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा, “पुरानी परंपरा मेरे पास भी है, जिसका जिक्र संसदीय कार्यमंत्री ने भी किया है. पूर्व स्पीकर सोमनाथ चटर्जी और प्रणब मुखर्जी पहले यहां थे. उन्होंने जो नियम और परंपराएं दीं, वे हमारे नियम माने जाते हैं.” सोमनाथ चटर्जी ने कहा था कि जिन सदस्यों पर आरोप लगे हैं उन्हें समिति के सामने बोलने का पर्याप्त समय दिया जाता है.
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, “अगर महुआ मोइत्रा को नहीं सुना जाएगा तो यह फेयर ट्राइल नहीं होगा. यह पार्लियामेंट है और आज हमलोग यहां एक सांसद को लेकर निर्णय लेने के लिए यहां मौजूद हैं. अगर हम संविधान की बात करते हैं तो हमें महुआ मोइत्रा को जरूर सुनना चाहिए.” इसके बाद उन्होंने लोकसभा स्पीकर से महुआ मोइत्रा को बोलने देने की रिक्वेस्ट की.
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