पाकिस्तान को नये प्रधानमंत्री बने अनवारुल हक काकर, शहबाज शरीफ की जगह अब अनवर संभालेंगे कमान
प्रधानमंत्री को लेकर अनवारुल हक काकर के नाम पर सहमति बनी है। बता दें कि अनवारुल बलूचिस्तान के रहने वाले हैं। इससे पूर्व पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शहबाज शरीफ और विपक्ष के निवर्तमान नेता राजा रियाज को कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नाम को शनिवार तक तय करने को लेकर निर्देश जारी किया था। बता दें कि अनवर के नाम पर दोनों ही नेताओं के बीच सहमति बन गई है।
(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): पाकिस्तान में शहबाज शरीफ सरकार द्वारा इस्तीफा दे दिया गया है। इस बीच शनिवार को कार्यवाहक सरकार का गठन कर दिया गया है। सरकार और विपक्षी दलों के बीच कार्यवाहक प्रधानमंत्री को लेकर अनवारुल हक काकर के नाम पर सहमति बनी है। बता दें कि अनवारुल बलूचिस्तान के रहने वाले हैं। इससे पूर्व पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शहबाज शरीफ और विपक्ष के निवर्तमान नेता राजा रियाज को कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नाम को शनिवार तक तय करने को लेकर निर्देश जारी किया था। बता दें कि अनवर के नाम पर दोनों ही नेताओं के बीच सहमति बन गई है।
पाकिस्तान को एक नया प्रधानमंत्री मिल गया है। अनवर-उल-हक काकर को 12 अगस्त, 2023 को पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। वे पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री हैं। काकर एक वरिष्ठ न्यायाधीश हैं और उन्होंने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में 17 साल तक सेवाएं दी हैं। वे 2009 में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने थे और 2022 में सेवानिवृत्त हुए थे।
काकर को पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त करने के बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने कहा कि वे पाकिस्तान के संविधान और कानूनों का पालन करने और पाकिस्तान को एक समृद्ध और शक्तिशाली देश बनाने के लिए काम करेंगे। काकर के प्रधानमंत्री बनने से पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिरता की उम्मीद है। वे एक अनुभवी न्यायाधीश हैं और उन्होंने देश के संविधान और कानूनों का गहन अध्ययन किया है। वे पाकिस्तान को एक समृद्ध और शक्तिशाली देश बनाने के लिए काम करेंगे।
बता दें कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शहबाज शरीफ और राजा रियाज को एक खत लिखकर निर्देश दिया था कि अनुच्छेद 224 के तहत नेशनल असेंबली भंग करने के तीन दिन के भीतर की नए कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम तय करना होगा। बता दें कि पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक नेशनल असेंबल के भंग होने पर प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता को 3 दिन के अंदर ही कार्यवाहक प्रधानमंत्री के पद के नाम पर सहमति बनानी होती है। यदि दोनों नेताओं के बीच सहमति बन जाती है तो मामला संसदीय समिति के पास भेजा जाता है। इसके बाद निर्वाचन आयोग नए कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम तय करता है।
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