UP में होगा ब्रह्मोस-ड्राेन का निर्माण, लखनऊ में बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
शनिवार को लखनऊ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा में नट-बोल्ट से लेकर ब्रह्मोस मिसाइल तक का विनिर्माण होगा। राजनाथ सिंह ने यहां आत्मनिर्भर भारत पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘यूपी डिफेंस कॉरिडोर में न केवल नट और बोल्ट या स्पेयर पार्ट्स का निर्माण किया जाएगा, (बल्कि) ड्रोन, यूएवी, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, विमान और ब्रह्मोस मिसाइलों का भी निर्माण और संयोजन किया जाएगा।’ राजनाथ शनिवार को लखनऊ में आयोजित ‘आत्मनिर्भर भारत’ कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे।
(एन एल एन मीडिया – उत्तर प्रदेश): शनिवार को लखनऊ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा में नट-बोल्ट से लेकर ब्रह्मोस मिसाइल तक का विनिर्माण होगा। राजनाथ सिंह ने यहां आत्मनिर्भर भारत पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘यूपी डिफेंस कॉरिडोर में न केवल नट और बोल्ट या स्पेयर पार्ट्स का निर्माण किया जाएगा, (बल्कि) ड्रोन, यूएवी, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, विमान और ब्रह्मोस मिसाइलों का भी निर्माण और संयोजन किया जाएगा।’ राजनाथ शनिवार को लखनऊ में आयोजित ‘आत्मनिर्भर भारत’ कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे।
उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (यूपीडीआईसी) का निर्माण भारत की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका उद्देश्य भारतीय एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्रों में होने वाले विदेशी आयात पर निर्भरता को कम करना है। हाल ही में, भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा था कि इन मिसाइलों को भारत की मारक क्षमता में शामिल कर लिया गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि तमिलनाडु की तरह उत्तर प्रदेश में भी रक्षा क्षेत्र में होने वाले निर्माणों के लिए एक सक्रिय माहौल बनाने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘मुझे बताया गया है कि यूपी डिफेंस कॉरिडोर के लिए करीब 1700 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करने की योजना है। इसमें से 95 प्रतिशत से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है’। इनमें से 36 उद्योगों और संस्थानों को करीब 600 हेक्टेयर भूमि आवंटित कर दी गई है और 16,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के अनुमानित निवेश के साथ 109 सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि अभी तक करीब 2,500 करोड़ रुपये का कुल निवेश विभिन्न इकाइयों की ओर से यूपीडीआईसी में किया गया है। उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां केवल नट-बोल्ट या कलपुर्जों का विनिर्माण नहीं किया जाएगा, बल्कि ड्रोन/यूएवी, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं, विमान और ब्रह्मोस मिसाइलों के भी विनिर्माण और उन्हें तैयार करने का काम किया जाएगा। यूपीडीआईसी एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसके जरिए विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर भारतीय रक्षा क्षेत्र की निर्भरता घटाने का इरादा है। अलीगढ़ में 11 अगस्त, 2018 को एक कार्यक्रम में रक्षा उत्पादन में 3,700 करोड़ रुपये से अधिक निवेश की घोषणा के साथ इस परियोजना की शुरुआत हुई थी।
Comments are closed.