Delhi में इलेक्ट्रिक बसों को लेकर AAP-BJP में क्रेडिट की होड़, 2025 तक DTC के बेड़ें में होगी 800 बसें

(न्यूज़लाइवनाउ- Delhi) दिल्ली परिवहन निगम के बेड़े में गुरुवार 500 और इलेक्ट्रिक बसें शामिल हो गया. इसे परिवाहन मंत्री कैलाश गौतम ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इसके साथ ही दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़कर 1300 हो गई है. इस बीच ईवी बसों को लेकर भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच क्रेडिट लेने को लेकर होड़ शुरू हो गया है.

Electric Vehicle News: दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि 2025 तक हमारा टारगेट 80 परसेंट बसों को ईवी बसों में कन्वर्ट करने की है. ऐसा होने पर ईवी बसों की संख्या 8000 हो जाएगी. दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने ईवी बसों को केंद्र सरकार का दिल्ली वालों के लिए गिरफ्ट करार दिया है. वहीं दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री ने इसे दिल्ली में सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में परिवहन क्रांति करार दिया है.

1300 EV बसें हो गई हैं

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने 500 ई ईवी बसों को फ्लैग आफ करने के बाद कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में शिक्षा और स्वास्थ्य क्रांति के बाद अब दिल्ली में परिवहन क्रांति जारी है. उन्होंने कहा कि पांच सितंबर को भी 400 ईवी बसें डीटीसी के बेड़े में शामिल हुई थी. उससे पहले 400 ईसी बसें दिल्ली सड़कों पर पहले से है. कुल मिलाकर डीटीसी के बेड़े में 1300 ईवी बसें हो गई हैं. इसके साथ ही इंडिया में सबसे ज्यादा ई बसें दिल्ली में चलती हैं.

उन्होंने कहा कि ई बसें 100 प्रतिशत बैटरी, जीरो परसेंट स्मोक, सीसीटीवी, हाई सिक्योरिटी, जीपीएस लाइव ट्रैकिंग, पैनिक बटन और जीरो पॉल्यूशन सिस्टम से लैस है. इसके अलावे भी इसमें कई अन्य सुविधाएं हैं. पैनिक बटन सीधे दिल्ली पुलिस से सीधा कनेक्टेड है. ईवी बसों का संचालन सीधे कमांड सेंटर से कंट्रोल है. साल 2025 तक हमारा टारगेट 80 परसेंट बसों को ईवी बसों में कन्वर्ट करने की है. ऐसा होने पर डीटीसी के बेड़े में ईवी बसों की संख्या 8000 जाएंगी और डीटीसी दुनियाभर में सबसे ज्यादा ईवी बसें चलाने वाली एजेंसी हो जाएगी. दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने 500 इलेक्ट्रिक बसों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से दिल्ली को नायाब तोहफा करार दिया है. उन्होंने कहा ईवी बस मिलने से दिल्ली में प्रदूषण से जंग लड़ने में आसानी होगी. दिल्ली के मृत हो रहे पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को संजीवनी मिलेगी.

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रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि पिछले नौ सालों में केजरीवाल सरकार एक भी नई सीएनजी बस नहीं खरीद पाई जबकि उसने 15 हजार बसों का वायदा किया था. दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के प्रति लोगों का विश्वास उठ गया और लोग अपनी गाड़ियां सड़कों पर उतारने के लिए मजबूर हुए. इससे दिल्ली पर विश्व की सबसे प्रदूषित राजधानी का कलंक भी लग गया. अब केंद्र सरकार की मदद से दिल्ली में 1300 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली की सड़कों पर चल रही हैं. केंद्र सरकार ने दिल्ली को ये इलेक्ट्रिक बसें तो उपलब्ध कराई ही हैं, इसके अलावा भी दिल्ली को 1.5 लाख करोड़ रुपए की विकास योजनाएं दी हैं.

आम आदमी पार्टी दिल्ली में जनता से यह पूछ रही है कि केजरीवाल जेल से सरकार चलाएं या नहीं. हम जनता को जाकर यह बताएंगे कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के लिए क्या-क्या योजनाएं दी हैं. उनमें बदरपुर में दुनिया का सबसे बड़ा ईको पार्क, नेशनल वार मेमोरियल, दिल्ली मेट्रो, पेरिफेरियल रोड, मुंबई, मेरठ, सहारनपुर के लिए नेशनल हाईवे, मेरठ के लिए आरआरटीएस रेल प्रोजेक्ट, वसंत कुंज, धौला कुआं में फ्लाई ओवर, तीसरा रिंग रोड, प्रगति मैदान टनल, प्रगति मैदान और द्वारका में वर्ल्ड क्लास कन्वेशन सेंटर, नई पार्लियामेंट, पुलिस हेडक्वार्टर और कर्तव्य पथ आदि शामिल हैं.

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