नई दिल्ली: संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ पर बढ़े विवाद के बीच करणी सेना ने दावा किया है कि फिल्म रिलीज की तारीख टालने में पीएम मोदी की निश्चित रूप से अहम भूमिका रही होगी। बुधवार को करणी सेना ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस विवाद पर चुप रहने के बावजूद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गौरतलब है कि विरोध बढ़ता देख फिल्म की रिलीज टाल दी गई है, यह पहले 1 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी। ‘पद्मावती’ की रिलीज के विरोध में करणी सेना को लगातार समर्थन मिल रहा है।
सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जब तक निर्देशक संजय लीला भंसाली अपनी इस फिल्म की रिलीज के लिए एक नई तारीख की घोषणा करेंगे तब तक समर्थकों की संख्या ‘चार से 14’ हो चुकी होगी। कालवी ने कहा, ‘हालांकि पद्मावती फिल्म के निमार्ताओं ने दावा किया है कि उन्होंने स्वेच्छा से रिलीज को स्थगित कर दिया है लेकिन मोदी की इसमें अहम भूमिका रही होगी।’
कालवी ने कहा, ‘रिलीज की तारीख इसलिए टली क्योंकि कई महत्वपूर्ण लोगों ने अहम भूमिकाएं निभाईं। मुख्यमंत्रियों की भूमिका रही, प्रधानमंत्री की भूमिका रही, और सभी सामाजिक संगठनों की भूमिका है जिन्होंने आक्रामक और उत्साहपूर्वक फिल्म का विरोध किया है।’ फिल्म को लेकर विवाद इस बात पर है कि यह फिल्म राजपूत रानी पद्मावती के बारे में इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करती है।
चित्तौड़ की घेराबंदी होने के दौरान पद्मावती ने अपने समुदाय के सम्मान की रक्षा के लिए जौहर कर लिया था। प्रेस वार्ता में कालवी ने कहा कि उन्होंने पहले ही चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों का समर्थन हासिल कर लिया है। उन्होंने कहा, ‘मैं अगली तारीख तय होने तक इसे चार से 14 तक कर दूंगा। अगले दो दिनों में मैं तीन और मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर रहा हूं। यह फिल्म नहीं चलने दी जाएगी।’
उन्होंने कहा कि इस विवाद में ‘हस्तक्षेप’ करने के लिए उन्होंने मीडिया के माध्यम से मोदी से अपील की थी। क्या वह मोदी को लिखित अपील करने की योजना बना रहे हैं? इस पर कालवी ने कहा, ‘अगर जरूरत पड़ी तो हम प्रधानमंत्री को एक लिखित अपील भेजेंगे। मैंने किसी भी मुख्यमंत्री को या प्रधानमंत्री को कोई अपील नहीं लिखी है…मैं महाराष्ट्र जा रहा हूं…वे इस पर प्रतिबंध लगाएंगे, मुझे विश्वास है।’ करणी सेना फिल्म की शूटिंग शुरू होने के बाद से ही भंसाली का विरोध कर रही है और पिछले साल जयपुर में फिल्म के सेट पर उनके ऊपर हमला भी किया गया था। अब सेना इस फिल्म पर प्रतिबंध चाहती है। करणी सेना के सुप्रीम कोर्ट जाने के सवाल पर कालवी ने बताया, ‘इसकी कोई जरूरत नहीं है। हम लोगों की अदालत में हैं और इसमें बहुत ताकत है।’
सुप्रीम कोर्ट पहले ही फिल्म पर प्रतिबंध लगाने वाली दो याचिकाओं को खारिज कर चुका है। इस पर कालवी ने कहा कि याचिका दाखिल करने वाले कुछ अधिक ही उत्साहित लोग थे, जिनके पास कोई सबूत नहीं थे। भंसाली को ‘बार-बार अपराध को दोहराने वाला व्यक्ति’ बताते हुए कालवी ने कहा, ‘वह जो कहते हैं, ठीक उसके विपरीत करते हैं और जो भी कहते हैं, कभी नहीं करते। उन्होंने सेंसर बोर्ड के आवेदन फॉर्म में फिल्म की प्रकृति के स्थान को खाली क्यों छोड़ दिया? उन्हें पता था कि वह चाहे ऐतिहासिक लिखे या काल्पनिक, संकट हर हाल में आएगा।’