न्यूज़लाइवनाउ – अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों (Crude Oil Prices) में बड़ी गिरावट के बाद सरकार ने आम लोगों को महंगे पेट्रोल डीजल की कीमतों से राहत दिलाने की तैयारी शुरू कर दी है. दोनों ही ईंधन के दामों में कमी को लेकर वित्त मंत्रालय और पेट्रोलियम मंत्रालय ने आपस में मंथन शुरू कर दिया है.
Crude Oil Today: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 75 डॉलर प्रति बैरल तक फिसल चुका है. जिसके चलते सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल डीजल बेचने पर भारी मुनाफा हो रहा है.कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट के बाद सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (Oil Marketing Companies) को पेट्रोल डीजल बेचने पर मुनाफा हो रहा है. ऐसे में सरकार पेट्रोल डीजल के दामों में कटौती कर उपभोक्ताओं को इसका सीधा लाभ देने की तैयारी कर रही है.
75 डॉलर के करीब फिसला कच्चा तेल
ब्रेंट क्रूड ऑयल फिलहाल 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है. जबकि डब्ल्यूटीआई क्रूड (WTI Crude) 72 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है. इंडियन बॉस्केट 76 डॉलर प्रति बैरल के करीब है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में आई गिरावट के बाद सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल बेचने पर 8 -10 रुपये प्रति लीटर का मुनाफा हो रहा है. जबकि डीजल बेचने पर 3 -4 रुपये प्रति लीटर का मुनाफा हो रहा है.
कच्चे तेल के दामों में आई भारी कमी के बाद वित्त मंत्रालय और पेट्रोलियम मंत्रालय इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दामों में कमी, सरकारी तेल कंपनियों के मुनाफे से लेकर वैश्विक हालात को लेकर चर्चा कर रही है. पेट्रोलियम मंत्रालय सरकारी तेल कंपनियों के साथ पहले ही कच्चे तेल के दामों में आई गिरावट के बाद पेट्रोल डीजल की खुदरा कीमतों को लेकर चर्चा कर चुकी है.
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सरकारी तेल कंपनियों के लिए राहत की बात ये है कि एक तरफ कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट आई है तो मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में तीनों सरकारी तेल कंपनियों को हुए मुनाफे पर नजर डालें तो इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन को 13,713 करोड़ रुपये, बीपीसीएल को 8501 करोड़ रुपये और एचपीसीएल को 5827 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है. तीनों ओएमसी को मिला दें इन कंपनियों को दूसरी तिमाही में 28,000 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है.
वैश्विक संकेतों के मद्देनजर सरकार का मानना है कि आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमतें 75 – 80 डॉलर प्रति के बीच रह सकती है. ऐसे में उपभोक्ताओं को पेट्रोल डीजल के दामों में कमी कर राहत दी जा सकती है. खासतौर से डीजल के दामों में कटौती की गई तो महंगाई में कमी आ सकती है जिसका फायदा मौजूदा सरकार और सत्ताधारी दल को 2024 के लोकसभा चुनावों में मिल सकता है
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