(न्यूज़लाइवनाउ-Delhi) दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार, 10 नवंबर की शाम हुए धमाके में अब तक 12 लोगों की जान जा चुकी है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस विस्फोट की जांच की रफ्तार बढ़ा दी है और हर बीतते दिन नए खुलासे सामने आ रहे हैं। हरियाणा के फरीदाबाद में पकड़े गए डॉक्टर मुजम्मिल शकील के दो ठिकानों से जब्त 2900 किलो विस्फोटक ने पूरे केस को हिला दिया है। जांच में मिले उनके मोबाइल डेटा से खुलासा हुआ है कि मुजम्मिल और उसके साथी 26 जनवरी और दिवाली जैसे बड़े अवसरों पर लाल किला क्षेत्र में धमाका करने की योजना बना रहे थे। पूछताछ के दौरान यह भी पता चला कि डॉक्टर मुजम्मिल और डॉक्टर उमर ने लाल किले की रेकी (जमीनी जांच) भी की थी। जनवरी के पहले सप्ताह में भी दोनों ने इलाके का निरीक्षण किया था।
सूत्रों के अनुसार, मुजम्मिल के फोन के डंप डेटा विश्लेषण में पता चला है कि इन दोनों खास तारीखों को टारगेट के रूप में चुना गया था, क्योंकि इन मौकों पर लाल किले के आसपास भारी भीड़ रहती है। जांच एजेंसियों का कहना है कि आरोपी किसी बड़े सार्वजनिक समारोह को निशाना बनाना चाहते थे ताकि अधिकतम नुकसान किया जा सके।
मेवात से मौलवी हिरासत में, मुजम्मिल को दिया था किराए पर कमरा
फरीदाबाद के बाद अब इस मामले के सुराग हरियाणा के मेवात तक पहुंच गए हैं। यहां से मौलवी इस्ताक को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए जम्मू-कश्मीर भेजा गया है। NIA और जम्मू-कश्मीर पुलिस संयुक्त रूप से उससे पूछताछ कर रही हैं।
जानकारी के मुताबिक, मौलवी इस्ताक ने अपने फरीदाबाद के फतेहपुर तगा गांव स्थित मकान का एक कमरा डॉ. मुजम्मिल को किराए पर दिया था। यही कमरा बाद में 2500 किलो से ज्यादा विस्फोटक के साथ बरामद हुआ। मुजम्मिल ने वहां दो कमरे किराए पर लिए थे, जिनसे कुल 2900 किलो विस्फोटक सामग्री जब्त की गई। अब NIA मौलवी इस्ताक से पूछताछ कर यह जानने में जुटी है कि वह इस साजिश में साझेदार था या अनजाने में मददगार।
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