वॉर-प्रैक्टिस ने उड़ाई चीन की नींद, जापान के आसमान में गरजना करेंगे भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स

भारत और जापान दोनों देश क्वाड की मजबूती को लेकर भी चीन को बड़ा संदेश देने जा रहे हैं। क्वाड में भारत और जापान के अलावा अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं। चीन को ध्यान में रखते हुए भारत और जापान की वायु सेनाएं संयुक्त अभ्यास में हिस्सा लेंगी

(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): चीन वह देश जिसने एक साथ कई मुल्‍कों को चुनौती दी हुई है। इन कई मुल्‍कों में ही भारत और जापान भी शामिल हैं। चीन दुनिया के कई देशों के लिए चुनौती बन गया है। इन कई देशों में भारत और जापान भी शामिल हैं। जहां एक ओर चीनी सेना भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर जापान भी चीन की आक्रामकता से परेशान है। इसे ध्यान में रखते हुए भारत और जापान की वायु सेनाएं संयुक्त अभ्यास में हिस्सा लेंगी। यह पहली बार होगा जब भारत और जापान की सेनाएं इस तरह के मिलिट्री ड्रिल में शामिल होंगी।

जापान एयर सेल्‍फ डिफेंस फोर्स (JASDF) और भारत की वायुसेना, (IAF) एक द्विपक्षीय फाइटर ट्रेनिंग युद्धाभ्‍यास में शामिल होने जा रही हैं। ‘वीर गार्डियन’ इस नाम से युद्धाभ्‍यास को 16 से 26 जनवरी तक जापान के हायाकुरी और इरुमा एयरबेस पर आयोजित किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो इस युद्धाभ्‍यास का मकसद चीन को यह संदेश देना है कि अगर उसने अगर अपनी सीमाएं लांघी तो फिर जापान प्रशांत से भारत को एयरसपोर्ट मुहैया करा सकता है। साथ ही अगर जापान को जरूरत पड़ेगी तो फिर भारत हिंद महासागर की तरफ से उसे ताकत दे सकता है।

कौन से फाइटर जेट होंगे शामिल 
रत की तरफ से इस युद्धाभ्‍यास में सुखोई के अलावा दो सी-17 हिस्‍सा लेंगे। जबकि जापान की तरफ से चार एफ-2 और चार एफ-15 फाइटर जेट्स शामिल होंगे। हयाकुरी एयरफोर्स बेस जापान के इबाराकी प्रांत में है। जापान के सैन्‍य अधिकारियों की मानें तो इस अभ्‍यास का मकसद दोनों देशों के बीच आपसी सहमति को आगे बढ़ाना और रक्षा सहयोग को मजबूत करना है।

वीर गार्डियन युद्धाभ्‍यास को चीन को दिया गया सीधा संदेश होगी। साथ ही दोनों देश क्‍वाड के और मजबूत होने का एक बड़ा संदेश भी चीन को देने वाले हैं। भारत और जापान के अलावा अमेरिका और ऑस्‍ट्रेलिया भी क्‍वाड के साझीदार हैं। रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो यह युद्धाभ्‍यास निश्चित तौर पर चीन को निराश करने वाला है।

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