कश्मीर की अर्थव्यवस्था तोड़ने की कोशिश कर रहे आतंकियों की हुई पहचान : डीजीपी।
दिलबाग सिंह ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था बागवानी और पर्यटन पर टिकी हुई है। पाकिस्तान की मदद से आतंकवादी इन दोनों को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : J&K में पाक समर्थित आतंकी अर्थव्यवस्था को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में ट्रक ड्राइवर्स की हत्या को अर्थव्यवस्था पर हमला बताते हुए राज्य के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ मिलकर आतंकवादी स्थानीय लोगों की आजीविका को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने इन आतंकियों को पुलिस की रडार पर बताते हुए कहा कि दोषियों की पहचान कर ली गई है और जल्द ही इन्हें दबोच लिया जाएगा। दिलबाग सिंह ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था बागवानी और पर्यटन पर टिकी हुई है। पाकिस्तान की मदद से आतंकवादी इन दोनों को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। यह लोगों की आजीविका पर चोट है। ऐसा लोगों की आम जनजीवन को प्रभावित करने के लिए किया जा रहा है। हमने दोषियों को पहचान लिया है और जल्द ही इन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि ट्रक ड्राइवर्स की हत्या की जांच में कुछ अहम सुराग मिले हैं। डीजीपी ने यहां मीडिया से बात करते हुए कहा कि ट्रक ड्राइवर्स पर हमला और पावर ट्रांसमिशन टावर्स को नुकसान पहुंचाने का मकसद बागवानी और पर्यटन को बाधित करना है, जो बहुत से कश्मीरियों को रोजी-रोटी देता है। उन्होंने कहा, ‘टावर्स पर हमला इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाने का प्रयास भी है। हमने इस दिशा में कुछ कदम उठाए हैं। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही हमें सफलता मिलेगी और इसमें शामिल लोगों को दबोच लिया जाएगा। आतंकवादियों ने 10 दिन में तीसरी बार आतंक प्रभावित जिले शोपियां में हमला करते हुए दो गैर-कश्मीरी ट्रक ड्राइवर्स की हत्या कर दी थी, जो वहां से सेब लाने गए थे। आतंकवादियों ने 2 ट्रकों को भी जला दिया। 14 अक्टूबर को भी 2 आतंकवादियों, जिनमें एक संभवत: पाकिस्तानी था, ने एक ट्रक ड्राइवर की हत्या कर दी थी, जो राजस्थान का था। दो दिन बाद आतंकवादियों ने शोपियां में पंजाब के एक सेब कारोबारी चरणजीत सिंह को मार डाला और एक अन्य को घायल कर दिया था। डीजीपी ने कहा कि सुरक्षाबलों ने फल कारोबारियों को सुरक्षा देने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारी पहली प्राथमिकता सेब कारोबार से जुड़े लोगों की मदद करना है। कुछ कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं और जहां भी लोगों को हमारी आवश्यकता है वहां सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है।’