चंद्रग्रहण पर दोपहर बाद बंद हुए चारधाम मंदिर
शनिवार सुबह सफाई व शुद्धिकरण के बाद मंदिरों को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोला जाएगा
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : शुक्रवार रात से शुरू हो रहे चंद्रग्रहण के सूतक के चलते देवभूमि उत्तराखंड में चारधाम समेत सभी मंदिरों के कपाट दोपहर दो बजे के बाद बंद कर दिए गए। शनिवार सुबह सफाई व शुद्धिकरण के बाद मंदिरों को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोला जाएगा।सदी का सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण शुक्रवार रात 11.54 बजे शुरू होगा और रात 3.49 बजे तक रहेगा। लेकिन, ग्रहण का सूतक शुक्रवार दोपहर दो बजे से शुरू हो गया है। इसके चलते चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री समेत सभी मंदिरों के कपाट दो बजे बाद बंद कर दिए गया। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के कार्याधिकारी एमपी जमलोकी ने बताया कि शनिवार सुबह मंदिर की सफाई व शुद्धिकरण के साथ हवन-यज्ञ कर दोबारा मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। इसके बाद ही श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर सकेंगे।चंद्रग्रहण के सूतक काल से पहले बदरीनाथ मंदिर के कपाट आज दोपहर बाद बंद कर दिए गए। ग्रहण काल 28 जुलाई प्रात: 3 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। 28 जुलाई को बदरीनाथ मंदिर प्रात: काल अपने निर्धारित समय पर खुलेंगा। कपाट बंद होने से पहले रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने विधि-विधान से मंदिर के कपाट बंद किए। जिले में गोपीनाथ मंदिर, रूद्रनाथ, कल्पेश्वर सहित अन्य मंदिरों के कपाट भी सूतक के चलते बंद रहे।पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा जब पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है तो वह नाटकीय रूप से चमकीले नारंगी रंग से लाल रंग का हो जाता है। यही कारण है कि इस अवधि में उसे ‘ब्लड मून’ कहा जाता है।