गर्भपात के मुद्दे पर अर्जेंटीना के 3000 कैथलिकों ने चर्च से अपनी सदस्यता छोड़ी
फर्नांडो लॉसदा ने धार्मिक विश्वास को त्यागने वालों के लिए औपचारिक शब्द का उपयोग करते हुए कहा, 'हमने आज एक बड़ा कदम उठाया है। हम लगभग 3,000 धर्मत्यागियों को पेश कर रहे हैं
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : अर्जेंटीना के हजारों कैथोलिकों ने पोप फ्रांसिस के गर्भपात को वैध करार देने वाले बिल के विरोध में चर्च में अपनी सदस्यता छोड़ दी है। ब्यूनस आयर्स स्थित मुख्यालय में अर्जेंटाइन एपिस्कोपल सम्मेलन में चर्च की भूमिका से नाराज कैथलिकों की सूची पेश की गई। गर्भपात को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने वाले विधेयक को सीनेट ने नौ अगस्त को नामंजूर कर दिया था। इससे दो महीने पहले ही चैंबर के प्रतिनिधियों ने इसे आंशिक मंजूरी दी थी।फर्नांडो लॉसदा ने धार्मिक विश्वास को त्यागने वालों के लिए औपचारिक शब्द का उपयोग करते हुए कहा, ‘हमने आज एक बड़ा कदम उठाया है। हम लगभग 3,000 धर्मत्यागियों को पेश कर रहे हैं। यह समय राज्य से चर्च को पूरी तरह से अलग करने का समय है।’ कैथोलिकों के समूह ने सीनेट वोट के बाद अपना अभियान शुरू किया। जबकि ब्यूनस आयर्स के पूर्व आर्कबिशप पोप फ्रांसिस, बेहद प्रभावशाली बने हए हैं। अर्जेंटीना कोलिएशन फॉर ए ले स्टेट (सीएईएल) ने कहा कि गर्भपात मत के चलते चर्च विरोधी भावना बढ़ रही हैं।अर्जेंटीना महिलाओं ने मांग की है कि गर्भपात को कानूनी रूप से वैध बनाया जाए, ताकि वे गर्भधारण का फैसला खुद ले सकें। अर्जेंटीना कैथोलिक देश है, जहां अबॉर्शन बैन है। ऐसे में दुष्कर्म और स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही महिलाओं के अलावा किसी को भी गर्भपात की इजाजत नहीं है। विश्व के सबसे बड़े कैथोलिक धर्म गुरु पोप फ्रांसिस अर्जेंटीना के ही रहने वाले हैं।