देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में भाजपा सरकार बनने के दिए साफ संकेत।

पता चला है कि फडणवीस के विधायक दल का नेता चुने जाने के साथ ही भाजपा ने शिवसेना के साथ अनौपचारिक बातचीत का दौर तेज कर दिया है।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : महाराष्ट्र में बीजेपी अब सरकार बनाने की पूरी तैयारी कर चुकी लग रही है। योगी दल शिवसेना के तमाम नखरों और ‘विकल्प खुले रहने’ की धमकियों के बीच पुनः भाजपा विधायक दल के नेता चुने गए देवेंद्र फडणवीस ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा कि जल्द ही महाराष्ट्र में ‘महागठबंधन’ की सरकार बनेगी और पूरे पांच साल चलेगी। पता चला है कि फडणवीस के विधायक दल का नेता चुने जाने के साथ ही भाजपा ने शिवसेना के साथ अनौपचारिक बातचीत का दौर तेज कर दिया है। बुधवार को दोपहर बाद पुनः विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ-साथ शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का भी अब तक मिले उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया, बल्कि पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा कि जल्दी ही राज्य में उनके गठबंधन के सभी दल मिलकर सरकार बनाएंगे। फडणवीस ने साफ कहा कि महाराष्ट्र के मतदाताओं ने जनादेश महागठबंधन के पक्ष में दिया है। इसलिए बहुत जल्द महागठबंधन राज्य में सरकार बनाने जा रहा है। फडणवीस ने शिवसेना द्वारा ‘विकल्प खुले रहने’ की बात को मजाक में उड़ाते हुए कहा कि हालांकि ‘वैकल्पिक सरकार’ की भी अफवाहें उड़ रही हैं, लेकिन यह एक मनोरंजन से अधिक कुछ नहीं है। फडणवीस के अनुसार 1995 के बाद से किसी दल को 75 से ज्यादा सीटें नहीं मिली थीं। लेकिन भाजपा को पिछले चुनाव में 122 और इस चुनाव में 105 सीटें मिली हैं। भाजपा ने आज पूरे शक्तिप्रदर्शन के साथ विधायक दल का नेता चुने जाने की प्रक्रिया पूर्ण की। सभी नवनिर्वाचित विधायक सिर में भगवा साफा बांधकर विधान भवन में आयोजित भाजपा विधायक दल की बैठक में पहुंचे। विधायक ‘जय शिवाजी’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे भी लगा रहे थे। इस अवसर पर केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना भी उपस्थित थे। देवेंद्र फडणवीस को भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने का प्रस्ताव प्रदेश अध्यक्ष एवं नवनिर्वाचित विधायक चंद्रकांत पाटिल ने रखा और कुल 11 विधायकों ने इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया। पाटिल देवेंद्र फडणवीस को विधायक दल का नेता चुने जाने का प्रस्ताव रखते हुए इशारों-इशारों में कांग्रेस और राकांपा सरकार की कमजोरियों की ओर इशारा करना नहीं भूले। उन्होंने कहा कि फडणवीस के पिछले शासनकाल में विरोध प्रदर्शन और आंदोलन तो कई हुए, लेकिन कोई उन्हें हटाने की मांग लेकर दिल्ली नहीं गया। यह कहते हुए पाटिल का इशारा कांग्रेस की विलासराव देशमुख सरकार की ओर था, जिसमें मुख्यमंत्री को हटाने के लिए अक्सर कांग्रेसी नेताओं के ही प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस आलाकमान से मिलने जाया करते थे। इसी प्रकार पाटिल ने फडणवीस सरकार में किसी के भी गोली से न मारे जाने की बात याद दिलाते हुए कांग्रेसनीत सरकार के कार्यकाल में हुए मावल कांड की याद दिलाई, जिसमें आंदोलन कर रहे किसानों पर गोली चलाई गई थी, और कुछ किसान मारे गए थे। एक ओर जहां देवेंद्र फडणवीस एक दिन पहले ही शिवसेना के साथ ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री के किसी भी समझौते या आश्वासन से इंकार कर चुके हैं, वहीं आज विधानभवन में कई भाजपा नेताओं ने स्वीकार किया कि शिवसेना के तीखे तेवरों के बावजूद उसके साथ सरकार बनाने की अनौपचारिक बातचीत जारी है, और एक सप्ताह के अंदर ही नई सरकार शपथ ले लेगी। माना जा रहा है कि भाजपा शिवसेना को उपमुख्यमंत्री पद के साथ उसके संख्या बल के अनुसार पिछली सरकार के बराबर ही मंत्रीपद देने पर राजी हो जाएगी। लेकिन गृह, नगरविकास, राजस्व और सार्वजनिक निर्माण मंत्रालय पर शिवसेना के साथ कोई समझौता होने की गुंजाइश कम ही है।

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