दो साल के बेटे को गोद में लेकर मुंबई में ऑटो चलाता है यह शख्स, भावुक करने वाली है इसकी कहानी

नई दिल्ली: पिछले कुछ दिनों से सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर गोद में बच्चे को लेकर मुंबई में ऑटो चलाने वाले की शख्स की तस्वीर वायरल हो रही है. लोग ये जानना चाह रहे हैं कि भला यह कौन शख्स है? कुछ लोग तो इसकी मदद करने की भी बातें कर रहे हैं. हालांकि वे नहीं जानते हैं कि भला ये ऑटो चालक कहां रहता है. इस ऑटो ड्रावर का नाम मोहम्मद सईद है. वह मजबूरी में अपने बच्चे को गोद में लेकर ऑटो चलाता है. मुंबई के वर्सोवा इलाके में रहने वाले सईद की पत्नी यासमीन को लकवा मार गया है. ऐसे में वह बिस्तर से उठ नहीं पाती हैं. खुद की देखभाल करने में लाचार सईद की पत्नी बच्चों की देखभाल नहीं कर पाती है. इसी मजबूरी में सईद ऑटो चलाने के दौरान भी बच्चे को अपने साथ रखता है.

मुंबई मिरर की खबर के मुताबिक वर्सोवा इलाके में रहने वाले 26 वर्षीय मोहम्मद सई की पत्नी को लकवा मार गया है. उसके दो बच्चे हैं. बेटी मुस्कान तीन साल की है, लेकिन बेटा महज दो साल का है. बेटी पड़ोसी मुज्जमिल के पास रह जाती है, लेकिन दो साल के बेटे को वह अपने पास नहीं रखने को तैयार हैं. मुज्जमिल के पास भी तीन बच्चे हैं. घर का खर्च चलाने और पत्नी के इलाज के लिए ऑटो चलाना मजबूरी है.

सईद की पत्नी के के बाएं हिस्से में लकवा मार गया है. तीन सप्ताह पहले स्ट्रोक आने पर वह पत्नी को कोपर अस्पताल में ले गए थे. पत्नी का इलाज कराने के लिए उसे मोटी रकम चाहिए. सईद का कहना है कि करीब 10 साल पहले वह रोजगार की तलाश में मुंबई आया था. फिलहाल वह किराए पर ऑटो रिक्शा चलाता है, जिसके लिए उसे 400 रुपए देने होते हैं.

पिछले कुछ दिनों से सईद पत्नी के इलाज के पैसे जुटाने के लिए काफी समय ऑटो चलाता है. उसे कभी-कभार ही सोने का मौका मिल पाता है. डॉक्टरों का कहना है कि उसकी पत्नी स्वस्थ्य हो जाएगी, लेकिन हर रोज करीब 1000 रुपए का खर्च है. उसने बताया कि गोद में बच्चा देखकर कई यात्री उसके ऑटो में बैठने को तैयार नहीं होते हैं.

मालूम हो फिल्म निर्माता विनोद कापड़ी ने इस ऑटो ड्राइवर की तस्वीर ट्वीट किया था. उन्होंने लोगों से इसकी मदद करने की अपील की थी. कापड़ी ने सईद का मोबाइल नंबर और बैंक खाता नंबर भी ट्वीट किया था. इसके बाद भी जिन लोगों तक विनोद कापड़ी के पेज से शेयर की गई यह तस्वीर नहीं पहुंची है, वे उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि भला वे इसकी कैसे मदद करें.

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