गुरुग्राम
रायन इंटरनैशनल स्कूल में हुए प्रद्युम्न हत्याकांड में जिस दिन स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार को गिरफ्तार किया था, उसी दिन प्रद्युम्न के पिता ने कहा था कि उन्हें हरियाणा पुलिस की थिअरी पर कतई भरोसा नहीं है। अब सीबीआई जांच से सामने आए ‘सच’ से हर कोई भौचक है। कोई इस बात पर भरोसा नहीं कर पा रहा कि सिर्फ एग्जाम और पीटीएम टालने के लिए किसी मासूम बच्चे की हत्या की जा सकती है। सीबीआई जांच में पता चला है कि आरोपी कई दिनों से इसके लिए कोई तरीका खोजने में जुटा था और आखिरकार उसे हत्या के सिवा कोई और रास्ता नहीं सूझा। उसे लगता था कि ‘कुछ बड़ा’ होने पर ही स्कूल को बंद किए किया जाएगा।
सीबीआई अधिकारी ने बताया कि आरोपी 11वीं के स्टूडेंट ने प्रद्युम्न को कोई जरूरी बात बताने का लालच देकर बाथरूम के अंदर बुलाया और कुछ सेकंड्स के अंदर उसका गला रेत दिया। अधिकारी ने कहा, ‘किसी न किसी को तो उस दिन मरना था। वह इस तैयारी के साथ आया था कि आज वह किसी न किसी पर इस चाकू का इस्तेमाल करेगा। प्रद्युम्न दुर्भाग्य से गलत समय पर गलत जगह पहुंच गया।’
पूछताछ के दौरान आरोपी स्टूडेंट ने सीबीआई को बताया, ‘मुझे कुछ समझ नहीं आया। मैं पूरा तरह ब्लैंक हो गया था और बस मैंने उसे मार डाला।’ सीबीआई ने बताया कि अशोक को आरोपी बताते हुए हरियाणा पुलिस ने जिस चाकू को ‘हत्या के हथियार’ के तौर पर पेश किया था, आरोपी स्टूडेंट ने उसी का इस्तेमाल किया था। इस चाकू को हरियाणा पुलिस ने टॉइलट के कमोड से बरामद किया था। सीबीआई के मुताबिक, क्राइम स्पॉट का कई बार निरीक्षण, सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच, कॉल रेकॉर्ड्स खंगालने और टीचर्स, स्टूडेंट्स सहित कई लोगों से पूछताछ के बाद वह आरोपी तक पहुंच पाई।
सूत्रों ने बताया कि उस समय 11वीं क्लास के हाफ इयरली एग्जाम चल रहे थे। 6 सितंबर को आरोपी ने पहला एग्जाम दिया था और 8 सितंबर यानी हत्या वाले दिन उसे दूसरा एग्जाम देना था। जांच के दौरान सीबीआई को आरोपी स्टूडेंट का व्यवहार संदिग्ध नजर आया। उसे पता चला कि आरोपी ने अपने क्लासमेट्स से डींगे हांकते हुए कहा था उन्हें पढ़ने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि वह एग्जाम को टलवा देगा। इसके बाद सीबीआई ने इस पहलू से जांच को आगे बढ़ाया तो कड़ियां जुड़ती चली गईं।
सीबीआई के मुताबिक, प्रद्युम्न का गला रेतने के बाद आरोपी ने स्कूल के माली को बाथरूम में ‘घायल’ हुए लड़के की जानकरी दी। जैसे ही वहां स्कूल के शिक्षकों और स्टाफ का जमावड़ा लगना शुरू हुआ, आरोपी चुपचाप जाकर अपनी क्लास में बैठ गया जहां एग्जाम शुरू हो चुका था। वह कुछ मिनटों की देरी से पहुंचा था। इसके कुछ देर बाद वही हुआ जो आरोपी चाहता था। एग्जाम को रद्द कर दिया गया, स्कूल को खाली करवा के बंद कर दिया गया।