मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड: CBI की रिपोर्ट के अनुसार किसी रिहायशी बालिका की हत्या नहीं हुई।
जेडीयू ने कहा कि सीबीआई ने गृह में किसी भी बालिका की हत्या से इनकार कर झूठ और भ्रम फैलाकर राजनीति करने वाले विपक्ष की हवा निकाल दी है।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामले में सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है।
बिहार में सत्तारूढ़ जनत दल यूनाईटेड ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न एवं हत्या मामले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट को लेकर राष्ट्रीय जनता दल समेत सभी विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा है। जेडीयू ने कहा कि सीबीआई ने गृह में किसी भी बालिका की हत्या से इनकार कर झूठ और भ्रम फैलाकर राजनीति करने वाले विपक्ष की हवा निकाल दी है। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने यहां कहा कि मुजफ्फरपुर बालिकागृह प्रकरण में सीबीआई द्वारा उच्चतम न्यायालय में दिए गए जवाब में किसी भी बालिका की हत्या को पूरी तरह से नकार कर विपक्ष के झूठ एवं अफवाहों की हवा निकाल दी है। इस मामले में सीबीआई ने कहा है कि जिन 35 लड़कियों की हत्या की बात सामने आ रही थी वे सभी जीवित हैं। हत्या के कोई भी सबूत नहीं मिले हैं। प्रसाद ने बताया कि सीबीआई ने दायर जवाब में कहा है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में मिली हड्डियां व्यस्क की हैं न कि किसी लड़की की। सीबीआई ने साफ किया है कि जिन 35 लड़कियों की हत्या किए जाने की बात सामने आ रही थी वे सभी लड़कियां जीवित हैं। जदयू प्रवक्ता ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में कानून का शासन है, यहां अपराध और अपराधी के लिए कोई रियायत हो ही नहीं सकती है।उन्होंने राजद को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जिस पाटीर् में राजबल्लभ यादव जैसे नेता हों ,उस पाटीर् के लोग महिला उत्पीड़न की बात किस मुंह से करेंगे। गौरतलब है कि सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बुधवार को बताया कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में किसी लड़की की हत्या नहीं हुई। साथ ही जांच में मिले कंकाल आश्रय गृह की लड़कियों के नहीं हैं। वहीं, ब्यूरो ने कहा कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह में बालिकाओं के बलात्कार, यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच की गई और अदालतों में आरोपपत्र दायर किए गए हैं। बालिका गृह कांड मामले में अपराध के अन्य पहलुओं के संबंध में स्थिति रिपोर्ट में जिक्र किया गया है। पीठ ने स्थिति रिपोर्ट स्वीकार करते हुए जांच टीम के दो अधिकारियों को जांच कार्य से मुक्त करने का सीबीआई को निदेर्श दिया।