सीसीपीए के मुताबिक संसद का शीत सत्र 15 दिसंबर से 5 जनवरी तक चलेगा। संसद के शीत सत्र की तारीखों का एेलान कर दिया गया है। तारीखों का एेलान नहीं करने को लेकर बीते दिनों कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा था। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने तल्ख लहजे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसार के रचयिता ब्रह्मा तक बता दिया था।
लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, “मोदी ब्रह्मा हैं… वह रचयिता हैं… सिर्फ वही जानते हैं कि संसद कब शुरू होगी। कांग्रेस ने कहा था कि सरकार बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, जीएसटी और अमित शाह के बेटे जय शाह के खिलाफ मुद्दों पर विपक्ष के सवालों से भाग रही है, जो गुजरात विधानसभा में उसे बेपर्दा कर सकते हैं। नेताओं ने कहा था कि वह शीतकालीन सत्र को बुलाने में देरी पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी संपर्क करेंगे और उनसे नोटिस देने का आग्रह करेंगे।
इस मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया था। उन्होंने कहा था, ‘केंद्र सरकार अगामी गुजरात चुनाव की वजह से संसद का सामना करने से बच रही है। जबकि ये महज एक बहाना है’।
कांग्रेस अध्यक्ष के अनुसार, ‘मोदी सरकार ने अपने अहंकार की वजह से शीतकालीन सत्र को न बुलाकर संसदीय लोकतंत्र पर अंधेरा ला दिया है। सरकार अगर सोचती है कि लोकतंत्र के मंदिर को ताला लगाकर वो संवैधानिक जवाबदेही से बच निकलेगी तो सरकार ये सोचना गलत है।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, ‘प्रधानमंत्री जीएसटी के लिए आधी रात को संसद सत्र तो बुला सकते हैं लेकिन आज संसद का सामना करने से भाग रहे हैं।’
सोनिया के बयान को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बेबुनियाद बताया था। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस के आरोपों का खंडन करते हुए कहा था, ‘लोकतंत्र के मंदिर को ताला लगाने वाली बात कहने वाली कांग्रेस पूर्व में खुद ऐसा कर चुकी है। कांग्रेस ने भी संसद सत्र देरी से बुलाया था’। वित्त मंत्री ने कहा था कि आमतौर पर संसद का शीतकालीन सत्र नवंबर के तीसरे सप्ताह में बुलाया जाता है जो दिसंबर की तीसरे सप्ताह तक चलता है।