(न्यूज़ लाइव नाऊ) किरतपुर-मनाली फोरलेन की जद में आने वाली औट कस्बे की केशव-माधव मार्केट को व्यापारियों ने आज भारी मन से आख़िर खाली कर ही दिया। ज्ञात हो कि जिला प्रशासन ने दुकानदारों को अवैध कब्जा धारक करार दिया है। बेहद दुखी मन और लाचारी के साथ इन सभी दुकानदारों ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए, अपनी दुकानों को छोड़ दिया। दुःखद पहलू तो ये भी रहा कि जिला प्रशासन पिछले 27 सालों से करोड़ों रुपए किराए के रूप में इनसे वसूल चुका है। लेकिन आज इन व्यापारियों का दुःख दर्द सुनने वाला कोई नहीं रहा। हाईकोर्ट का डंडा पड़ने के बाद जिला प्रशासन ने दुकानदारों को अवैध करार दे दिया था। जबकि स्वयं भी प्रशासन पर वन भूमि पे अवैध रूप से कब्जा किए होने का आरोप है। आज इस घड़ी में प्रभावित हुए दुकानदारों के साथ जो अन्याय हुआ है उसकी भरपाई कैसे होगी? ऊपर से उन्हें किसी भी तरह का ना तो मुआवजा दिया जा रहा है और ना ही उनका पुनर्वास किया जा रहा है। केशव माधव मार्केट का जो दुःखद अंत आज हुआ है उसे देख कर किसी की भी आँखे भर आएंगी। व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन और सरकार को कम से कम उनके पुनर्वास के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए। जितने भी परिवारों की रोज़ी-रोटी छिन गई है उनके लिए अब उनका क्या?