त्रिपुरा:माणिक सरकार के सामने इस बार बीजेपी एक बड़ी चुनौती।
भले ही माणिक सरकार लगातार चार बार चुनाव जीत चुके हो, लेकिन इस बार की चुनावी जंग उनके राजनीतिक जीवन में सबसे मुश्किल चुनावी जंग मानी जा रही है।
(एनएलएन मीडिया-न्यूज़ लाइव नाऊ) पुर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। राज्य में 18 फरवरी को चुनाव होने हैं. त्रिपुरा में 1998 से माणिक सरकार के नेतृत्व में सीपीएम की सरकार है। माणिक सरकार के सामने इस बार बीजेपी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। राज्य में कांग्रेस का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है। वहीं, बीजेपी एक के बाद एक विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करती जा रही है। ऐसे में देखना बहुत दिलचस्प होगा कि क्या माणिक सरकार त्रिपुरा में बीजेपी के विजयी रथ को रोक पाएंगे? 20 सालों से त्रिपुरा के सीएम माणिक सरकार कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) से संबद्ध हैं और पोलित ब्यूरो के सदस्य भी हैं। माणिक सरकार बेहद सादगी पसंद हैं। वह अपना वेतन और भत्ता पार्टी को दान में दे देते हैं। पार्टी से उन्हें जो पैसे मिलते हैं, उसी से उनके परिवार का गुजारा चलता है।
देश के सबसे कम धनी सीएम हैं माणिक सरकार
2013 के त्रिपुरा विधानसभा चुनावों के समय दायर शपथपत्र में माणिक सरकार ने जो संपत्तियां दिखाई हैं, उसके मुताबिक माणिक सकार भारत के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों में सबसे कम धनी व्यक्ति हैं। सीएम माणिक सरकार की सादगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी पत्नी पांचाली भट्टाचार्य (सरकार) अभी भी सामान लेने के लिए बाजार सरकारी गाड़ी से नहीं, बल्कि रिक्शे से जाती हैं।
माणिक सरकार के लिए इस बार कठिन है त्रिपुरा की जंग
भले ही माणिक सरकार लगातार चार बार चुनाव जीत चुके हो, लेकिन इस बार की चुनावी जंग उनके राजनीतिक जीवन में सबसे मुश्किल चुनावी जंग मानी जा रही है। त्रिपुरा भले ही छोटा राज्य है, लेकिन बीजेपी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। त्रिपुरा विधानसभा में बीजेपी की जीत न सिर्फ चुनावी जीत होगी, बल्कि यह वैचारिक जीत भी साबित होगी।
त्रिपुरा का सियासी समीकरण
त्रिपुरा के 2013 विधानसभा चुनाव में राज्य की कुल 60 सीटों में से वाममोर्चा ने 50 सीटें जीती थी, जिनमें से सीपीएम को 49 और सीपीआई को 1 सीट, जबकि कांग्रेस को 10 सीटों के साथ संतोष करना पड़ा था। लेकिन, इसके तीन साल बाद 2016 में कांग्रेस के 6 विधायकों सुदीप रॉय बर्मन, आशीष कुमार साहा, विश्व बंधु सेन, प्रणजीत सिंह रॉय, दिलीप सरकार और हरंगखाल ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ज्वाइन कर ली। ये 6 विधायक ज्यादा देर तक टीएमसी में भी नहीं रहे। अगस्त 2017 में ये विधायक बीजेपी में शामिल हो गए।
ये है बीजेपी की रणनीति
त्रिपुरा में बंगाली भाषी बहुसंख्यकों और 31 फीसदी स्वदेशी लोगों के बीच है। 1997 में राज्य में हुई कई हिंसक वारदात के बाद यहां हालात बिगड़े हैं। राज्य में दो अलगाववादी संगठनों नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (ATTF) सक्रिय है, जो भारत से त्रिपुरा को अलग करना चाहते हैं। हालांकि, 2015 के बाद से राज्य में शांति का माहौल बना है। लेकिन, छिटपुट घटनाएं होती रहती हैं। ऐसे में बीजेपी की पहली कोशिश उन सीटों पर शांति स्थापित करना है. जहां ऐसी घटनाएं होती हैं। बीजेपी लोकल टैलेंट को भी अपने साथ शामिल करने की कोशिश में है। अरुणाचल प्रदेश में भी बीजेपी ने यही रणनीति अपनाई थी।
35 सीटों पर ज्यादा फोकस
इसके लिए बीजेपी ने त्रिपुरा की 60 सीटों में से 35 सीटों पर फोकस किया है। खासकर उन सीटों पर जहां सीपीएम 3000 से कम मतों के अंतर से जीती है। बीजेपी ने इन सीटों के लिए रणनीति बनाई है। इतना ही नहीं पीएम मोदी की रैली को सफल बनाने के लिए बीजेपी त्रिपुरा के ईसाई समुदाय के साथ भी लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। बता दें कि त्रिपुरा में बड़ी आबादी ईसाई समुदाय की है।
क्या त्रिपुरा में काम करेगा बीजेपी का फॉर्मूला?
बीजेपी ने त्रिपुरा में हेमंत बिश्वशर्मा को इलेक्शन इंचार्ज बनाया है। हेमंत ने कुछ महीने पहले से ही अपना काम शुरू कर दिया है। उनका भी मानना है कि त्रिपुरा की जंग पूर्वी भारत में बीजेपी की सबसे कठिन जंग होगी। 20 सालों से माणिक सरकार के वोटर्स को तोड़ना आसान नहीं होगा।
काम आएगा मोदी मैजिक?
कहते हैं जंग जितनी मुश्किल होती है, उसकी जीत में उतना ही मजा आता है। बीजेपी इसी उम्मीद के साथ आगे बढ़ रही है। त्रिपुरा में बीजेपी अपने सबसे प्रभावी चेहरे पीएम मोदी को भी प्रचार में लगाएगी। बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक, टिकट बंटबारे के बाद पीएम मोदी चुनाव प्रचार में उतरेंगे। 8 फरवरी में त्रिपुरा में पीएम मोदी की दो रैलियां भी होनी हैं। वहीं, 18 फरवरी को चुनाव के पहले पीएम मोदी एक बार फिर राज्य का दौरा करेंगे। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी राज्य का दौरा करेंगे। बीजेपी के मुताबिक, त्रिपुरा में पीएम मोदी का मैजिक काम करेगा।