जेट ईंधन पर बढ़ी कस्टम ड्यूटी, एयरलाइंस स्टॉक्स में भारी गिरावट

बीएसई में जेट एयरवेज के शेयर में जहां 6 फीसद से अधिक का गिरावट आई है वहीं इंडिगो एयरलाइंस के शेयरों ने करीब 4 फीसद का गोता लगाया है

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : जेट ईंधन पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाए जाने के फैसले से विमानन कंपनियों के शेयरों को तेज झटका लगा है। भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध विमानन कंपनियां सरकार के इस फैसले के बाद हिचकोले खाती नजर आ रही है।गुरुवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में विमानन कंपनियों के शेयर 52 हफ्तों के निचले स्तर तक लुढ़क गए। बीएसई में जेट एयरवेज के शेयर में जहां 6 फीसद से अधिक का गिरावट आई है वहीं इंडिगो एयरलाइंस के शेयरों ने करीब 4 फीसद का गोता लगाया है।इसके अलावा स्पाइस जेट का शेयर भी करीब 4 फीसद तक टूटा है। तीनों कंपनियों के शेयरों पर बिकवाली का दबाव हावी है।गौरतलब है कि बुधवार को सरकार ने एटीएफ (जेट ईंधन) समेत 19 सामानों पर लगने वाले कस्टम ड्यूटी में इजाफा कर दिया था। शुल्क में बढ़ोतरी का फैसला गैर जरूरी सामानों के निर्यात को कम करने के मकसद से लिया गया ताकि देश के चालू खाता घाटा (सीएडी) को कम किया जा सके और रुपये की कमजोर होती हालत को सुधारा जा सके।वैश्विक कारणों की वजह से रुपये, डॉलर के मुकाबले ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर है। विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले दिनों में इसमें सुधार के आसार कम ही नजर आते हैं।हालांकि जेट ईंधन पर कस्टम ड्यूटी को बढ़ाए जाने का फैसला पहले से ही दबाव का सामना कर रहे विमानन सेक्टर के लिए ठीक नहीं है। इंडिगो की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि जेट ईंधन पर कस्टम ड्यूटी में पांच फीसद का इजाफा विमानन कंपनियों पर अतिरिक्त दबाव डालेगा। पिछले एक महीनों के दौरान विमानन कंपनियों के शेयरों में करीब 35 फीसद से अधिक तक की गिरावट आई है। पिछले एक महीनों के दौरान जेट एयरवेज के शेयरों में करीब 30 फीसद से अधिक की कमजोरी आई है वहीं पिछले छह महीनों में इस कंपनी के शेयरों ने करीब 70 फीसद का गोता लगाया है।

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