जागरण संवाददाता, राउरकेला : सप्त ऋषियों की तपोभूमि शांति कुंज हरिद्वार के तत्वावधान में रविवार को गायत्री शक्तिपीठ सेक्टर-2 में विश्व कवि रवीन्द्र नाथ टैगोर की जयंती मनायी गई। इस मौके पर शांतिकुंज के प्रतिनिधि सुदर्शन मित्तल, मस्तराम शर्मा की देखरेख में अखंड गायत्री महामंत्र का जाप एवं पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मस्तराम शर्मा ने कहा कि विश्व कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर दिव्य आत्मा के रूप में धरती पर आए थे जिन्होंने अपनी लेखनी से भारत वर्ष का नाम रोशन किया। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष में रहने वाला सूर्यवंशी कहलता है। इस लिए उस सूर्य देवता का हमें आह्वान करना चाहिए ताकि धरती पर टैगोर जैरी महान आत्मा का अवतरण हो। सुदर्शन मित्तल ने कहा कि नोबल पुरस्कार प्राप्त करने वाले रवीन्द्र नाथ टैगोर के संबंध में जितना भी कहा जाए कम है। सूर्य देवता की उपासना व आराधना मात्र से दिव्य ज्ञान की प्राप्ति उन्हें हुई थी। युग ऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने भी रवीन्द्रनाथ के शांति निकेतन में कदम रखे थे एवं इसी के तर्ज पर हरिद्वार में शांतिकुंज की स्थापना की प्रेरणा ली जो आज अखिल विश्व गायत्री परिवार का प्रमुख केन्द्र है।
————
ब्रह्मामपुर से शक्तिपीठ का दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु
अखिल विश्व गायत्री परिवार ब्रह्मपुर से जुड़े 60 सदस्य रविवार को गायत्री शक्तिपीठ सेक्टर-2 पहुंचे। ब्रह्मपुर से शांतिकुंज के लिए बस से निकला यह जत्था रात को शांतिकुंज में ठहरा। टैगोर की जयंती पर यहां पूजा अर्चना व हवन करने के बाद जत्था यहां से रवाना हुआ। 31 दिसंबर 1981 को वेदमूर्ति पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने स्वयं गायत्री शक्तिपीठ की मां गायत्री, मां दुर्गा एवं सरस्वती की प्राण प्रतिष्ठा की थी।