पश्चिमी बंगाल: तारक नाथ काली नाम का अपराधी जो सोशल मीडिया पर महिला पत्रकार को कर रहा बदनाम, मामला दर्ज़।

(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : कहते हैं जीवन में हर काम सोच समझ कर ही करना चाहिए भले ही वो सोशल मीडिया पर किया गया कमेंट ही क्यों न हो? ‘तारक नाथ काली’ नाम से ‘फेसबुक’ अकाउंट चलाने वाला बांकुरा, बिष्णुपुर, पश्चिमी बंगाल का रहने वाला युवक अब मुश्किलों में फंस गया है।

मामला एक महिला पत्रकार से जुड़ा है। उक्त महिला पहले मुंबई में अभिनेत्री थी और उनके वीडियो यूट्यूब पर उपलब्ध थे। वर्तमान में महिला एक मीडिया कम्पनी चला रही हैं और खुद एक पत्रकार हैं। लेकिन उक्त तारक नाथ काली नाम के आरोपी ने उस महिला को बदनाम करने की मन्शा से फेसबुक पोस्ट पर कमेंट करते हुए वीडियो लिंक शेयर कर दिया। जिससे अब पत्रकारों में रोष है और सभी पत्रकारों ने रोष व्यक्त किया है। इस युवक की अधिक जानकारी लेने में जुट गए हैं। इस तारक नाथ काली नाम के अपराधी मानसिकता वाले युवक का साहस तो देखिये कि इससे भी उसका मन नहीं भरा, तो एक व्हाटस एप्प ग्रुप में भी वीडियो शेयर कर डाला।

हैरानी की बात है कि ‘कलिका महाविद्या’ नाम के ग्रुप में भी ये विडिओ लगातार शेयर किया गया है। अब इस ग्रुप के एडमिन सहित सभी के विरुद्ध भी शिकायत दर्ज़ की गई है। साथ ही और किन-किन माध्यमों से और ग्रुप्स में इनको शेयर किया गया है ये जांच का विषय है।

 

 

क्योंकि वीडियो एक महिला पत्रकार को बदनाम करने के उद्देश्य से डाला गया था। ऐसे में मामले की गंभीरता के कारण तुरंत इसकी शिकायत महिला आयोग को की गई। साथ ही पुलिस को भी सूचित कर दिया गया है। समाचार लिखे जाने तक अगली कार्रवाई जारी थी। आये दिनों ‘सोशल मीडिया’ को ढाल बना कर लोगों से उगाही करने वाले, महिलाओं को धमकाने वाले अपराधी युवाओं की संख्या बढती जा रही है। क्योंकि मामला हाई-प्रोफाइल है इसलिए जल्द ही ‘पश्चिमी बंगाल’ की मुख्यमंत्री को भी इसकी सूचना भेजी जायेगी। ताकि राज्य में ऐसे अपराधियों पर नकेल कसी जाए और ऐसे अपराधियों को सलाखों के पीछे धकेला जा सके।

ज्ञात हो कि महिलाओं को बदनाम करने और उगाही आदि के लिए परेशान करने के पहले भी बहुत से मामले प्रदेश में हो चुके हैं। जिन्हें पश्चिमी बंगाल की पुलिस ने अपनी सतर्कता के चलते हल किया है। छोटे-छोटे दिखने वाले ये अपराध कभी-कभी आपकी पूरी जिंदगी को ही ख़राब कर देते हैं। इसलिए ऐसे अपराधों से दूर ही रहना चाहिए। क्योंकि पुलिस-प्रशासन महिलाओं के मामलों में तेज़ी से कार्य करता है, इसलिए उक्त अपराधी का बचना भी मुश्किल है। इस मामले में ये जानना दिलचस्प होगा कि ये उक्त तारक नाथ काली नाम का अपराधी और कैसे-कैसे कारनामे कर चुका है और इसकी आपराधिक हिस्ट्री क्या है?

मामला पश्चिमी बंगाल के अन्य पत्रकार संगठनों तक भी जाएगा ऐसा प्रतीत हो रहा है। पुलिस और प्रशासन पर भी इस मामले का दोहरा दबाब होगा। साथ ही ये पता लगाना अहम् है कि क्या ये आरोपी अकेले ही इस कार्य को अंजाम दे रहा था या इसके पीछे कोई दूसरा व्यक्ति या गिरोह है?

 

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