चेन्नई: संयुक्त AIADMK ने पार्टी में महासचिव के पद को खत्म कर दिया है. पार्टी ने एलान किया है कि तमिलनाडु की पूर्व सीएम जे जयललिता हमेशा-हमेशा के लिए महासचिव रहेंगी. इस एलान के साथ ही जयललिता की सबसे करीबी दोस्त वीके शशिकला की पार्टी पर पकड़ का अंत हो गया है. अब वो पार्टी की अंतरिम महासचिव भी नहीं रहीं. शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरन का भी पार्टी में राजनीतिक कद खत्म हो गया है.
हालांकि, इस फैसले पर अब मद्रास हाईकोर्ट की मुहर का इंतजार है, जिसने कल इस बैठक को हरी झंडी दी थी. क्योंकि इस बैठक के खिलाफ शशिकला के समर्थकों ने हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. इस बैठक में शशिकला के 18 समर्थक विधायक शरीक नहीं हुए.
AIADMK की इस बैठक में 2000 सदस्यों ने हिस्सा लिया. डिप्टी सीएम ओ पनीरसेवलम को 11 सदस्यीय स्टीयरिंग कमेटी का चीफ बनाया. इसके साथ ही सीएम ई पलानीसामी और ओ पनीरसेवलम गुट के विलय को औपचारिक रुप दिया गया है. ओ पनीरसेवलम गुट की मांग थी कि शशिकला को पार्टी से निकाला जाए. शशिकला ने जयललिता के निधन के बाद ओ पनीरसेवलम को सीएम पद से हटने पर मजबूर किया था.
दोनों गुटों के विलय के साथ ये फैसला हुआ कि ओ पनीरसेवलम अब ई पलानीसामी की कैबिनेट में डिप्टी चीफ मिनिस्टर होंगे. दूसरी तरफ डीएमके नेता एमके स्टालिन ने कल गवर्नर से मुलाकात की थी और दावा किया था कि उनके पास 119 विधायक हैं. स्टालिन के साथ शशकिला के भतीजे दिनाकरन भी थे. बहुमत के लिए 117 का आंकड़ा चाहिए, क्योंकि विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 234 है. हालांकि, युनाटेड AIADMK ने 124 विधायकों के समर्थन का दावा किया है.
दिनाकरन का साफ कहना है कि सीएम ई पलानीसामी इस्तीफा दें. अगर वो इस्तीफा नहीं देते हैं तो उनकी सरकार गिरा दी जाएगी.