(न्यूज़लाइवनाउ ): कॅश फॉर क्वेरी मामले में फंसी तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें कम होने की नाम नहीं लेरही हैं. उन पर लगे आरोपों की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुरू कर दी है. इस विवाद में सीबीआई ने लोकपाल के निर्देश पर तृणमूल कांग्रेस सांसद के खिलाफ जांच शुरू की है. टीएमसी सांसद के खिलाफ सीबीआई शुरुआती जांच करेगी.
केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) अपनी जांच के नतीजे के आधार पर तय करेगी कि सांसद के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए या नहीं. इस मामले में सीबीआई में शिकायत सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई ने दर्ज की थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि मोइत्रा ने संसद में प्रश्न पूछने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली थी. देहाद्राई ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को भी लिखा था और दुबे की शिकायत के आधार पर स्पीकर ओम बिरला ने मामले को आचार समिति को भेज दिया था. दुबे ने लोकपाल में भी शिकायत दर्ज कराई थी
महुआ मोइत्रा के समर्थन में उतरीं TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी
Cash for Query आरोपों से घिरीं तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को अपनी पार्टी की सुप्रीमो ममता बनर्जी का साथ मिला है. न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर महुआ मोइत्रा को हटाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है. इससे पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने संसद महुआ मोइत्रा को कृष्णानगर (नदिया उत्तर) का अध्यक्ष बनाया था. इसके लिए उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर सीएम ममता बनर्जी का धन्यवाद किया था.
निशिकांत दुबे ने लगाया था आरोप
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर महुआ मोइत्रा पर बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था. साथ ही टीएमसी सांसद पर महंगे गिफ्ट लेने के भी आरोप लगे. इसके बाद महुआ मोइत्रा एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुईं थी. उनके साथ विपक्ष के कई सांसद भी गए थे. काफी शोर-शराबे के बीच महुआ मोइत्रा और कई विपक्षी सांसद उस रूम से बाहर निकलते नजर आए थे, जहां पूछताछ की जा रही थी.
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