चीन-अफगानिस्तान के रिस्तो मे नया मोड़, मिला तेल खनन का ठेका
चीन की एक फर्म को अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार ने देश के उत्तरी हिस्से में तेल खनन का ठेका दिया है
(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) :चीन की एक फर्म को अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार ने देश के उत्तरी हिस्से में तेल खनन का ठेका दिया है। चीन ने इसे दोनों देशों के लिए ‘अहम प्रोजेक्ट’ बताया है। ये सौदा 25 साल की अवधि के लिए हुआ है। ठेका मिलने के बाद इस इलाक़े में चीन की आर्थिक गतिविधियां बढ़ सकती हैं।किसी विदेशी फ़र्म के साथ तेल खनन का ये पहला बड़ा समझौता है। बता दे 2021 में तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़ा किया था।
तालिबान अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि सुरक्षा बलों ने इस्लामिक स्टेट ग्रुप के चरमपंथियों को निशाना बनाया है। जिन्होंने उस होटल पर हमला किया था, जिसे चीन के कारोबारी इस्तेमाल करते हैं
बीते दिसंबर में काबुल के लोंगन होटल पर हमला हुआ था जिसमें कम से कम तीन लोग मारे गए और 18 लोग घायल हो गए थे. घायलों में चीन के पांच नागरिक थे।
तालिबान प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने बताया, “तेल खनन के सौदे के तहत शिनजियांग सेंट्रल एशिया पेट्रोल और गैस कंपनी (सीएपीईआईसी) अमू दरिया बेसिन में ड्रिलिंग करेगी।”
सिर्फ तीन सालों में ही चीनी कंपनी का निवेश बढ़ कर 540 मिलियन डॉलर हो जाएगा. परियोजना में तालिबान की 20 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जिसे बढ़ा कर 75 प्रतिशत तक किया जा सकता है।चीन ने तालिबान की सरकार को आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं दी है, लेकिन अफगानिस्तान उसके लिए काफी महत्वपूर्ण है. अफगानिस्तान और उसके आस पास का इलाका चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना के केंद्र में है।
इस घोषणा के एक ही दिन पहले तालिबान ने कहा था कि उसके लड़ाकों ने छापों में इस्लामिक स्टेट के आठ सदस्यों को मार गिराया था. इनमें से कुछ पिछले महीने काबुल में एक ऐसे होटल पर हुए हमले में शामिल थे जहां चीनी व्यापारी अक्सर जाते हैं।