भारत के प्रभाव से डरे पाकिस्तान को साधने में जुटा चीन! राफेल के मुकाबले फेल हुए JF-17 के बाद अब पेशकश की 5वीं पीढ़ी के 40 लड़ाकू विमानों की डील
(न्यूज़लाइवनाउ-China) चीन ने पाकिस्तान को आधुनिक J-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान, KJ-500 अवाक्स और HQ-19 वायु रक्षा प्रणाली मुहैया कराने का प्रस्ताव दिया है।
दक्षिण एशिया में भारत की सैन्य क्षमताओं में हो रही तेज़ प्रगति से पाकिस्तान की बेचैनी को चीन अब अपने फायदे के लिए भुनाने में जुटा है। जहां भारत राफेल, तेजस और स्वदेशी रक्षा प्रणालियों से अपने सैन्य ढांचे को लगातार मज़बूती दे रहा है, वहीं चीन “भारतीय खतरे” का हवाला देकर पाकिस्तान को बड़े स्तर पर हथियारों की डील देने की फिराक में है। इसी क्रम में बीजिंग ने पाकिस्तान को अपने अत्याधुनिक J-35 स्टेल्थ लड़ाकू विमान, KJ-500 अवाक्स और HQ-19 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की पेशकश की है।
J-35 स्टेल्थ जेट: पाक वायुसेना को मिल सकती है नई धार
J-35 चीन द्वारा विकसित पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ लड़ाकू विमान है, जिसे अमेरिका के F-35 के समकक्ष माना जाता है। यह जेट आधुनिक रडार चकमा तकनीक, तेज़ रफ्तार और सेंसर समेकन जैसी क्षमताओं से लैस है, जो पाकिस्तान को हवाई युद्धक्षेत्र में रणनीतिक बढ़त दे सकता है। यदि पाकिस्तान वायुसेना को इसके 40 विमान मिलते हैं, तो यह उसके मौजूदा JF-17 बेड़े को एक ताकतवर पूरक मिलेगा और भारत जैसे संभावित विरोधियों के खिलाफ उसकी तैयारियों को मजबूती मिल सकती है।
KJ-500 एक उच्च-तकनीकी हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली है, जो लंबी दूरी तक हवाई या समुद्री लक्ष्यों की पहचान और निगरानी कर सकती है। यह सिस्टम पाकिस्तान की निगरानी और रणनीतिक योजना क्षमताओं को काफी उन्नत बना सकता है, जिससे उसे युद्ध के हालात में अधिक तेजी से प्रतिक्रिया देने में मदद मिलेगी।
HQ-19 एयर डिफेंस: बहुस्तरीय सुरक्षा कवच
HQ-19 चीन की लॉन्ग रेंज एयर डिफेंस प्रणाली है, जो बैलिस्टिक और क्रूज़ मिसाइलों के अलावा लड़ाकू विमानों को भी रोकने में सक्षम मानी जाती है। इसे रूस की S-400 प्रणाली के समकक्ष माना जाता है। यह सिस्टम पाकिस्तान को एक मजबूत वायु रक्षा कवच प्रदान कर सकता है, जिससे उसके सामरिक ठिकानों और इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा कई गुना बेहतर हो जाएगी।
यह प्रस्तावित रक्षा सहयोग भारत के लिए एक नई चुनौती बन सकता है। पाकिस्तान की सैन्य ताकत में अचानक हो रहा यह इज़ाफा क्षेत्रीय संतुलन को प्रभावित कर सकता है। विशेषकर HQ-19 जैसे सिस्टम भारत की न्यूनतम प्रतिरोध नीति और मिसाइल कार्यक्रमों के लिहाज से रणनीतिक दिक्कतें खड़ी कर सकते हैं।
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