बर्फीले तूफान की चपेट में आए 2 सैनिकों में से एक शहीद, दूसरे की तलाश में सेना का रेस्क्यू अभियान जारी

(न्यूज़लाइवनाउ-J&K) सोमवार को आतंकियों की खोज में चलाए गए सैन्य अभियान के दौरान कोकरनाग के गडोल वन क्षेत्र में लापता हुए दो पैरा कमांडो में से एक जवान शहीद हो गया है।

वीरवार को सेना ने शहीद सैनिक का शव बरामद कर लिया, साथ ही उसकी सर्विस राइफल भी मौके से मिली है। दूसरे पैरा कमांडो की खोजबीन अभी जारी है। सूत्रों के मुताबिक, तलाशी अभियान में हेलिकॉप्टर, क्वाडकॉप्टर, ड्रोन और आधुनिक सेंसिंग तकनीक का सहारा लिया जा रहा है ताकि हर कोना खंगाला जा सके।

सूत्रों का कहना है कि लापता और शहीद दोनों ही जवान अग्निवीर श्रेणी के हैं। चिनार कोर ने बुधवार को बताया था कि ऑपरेशनल मिशन के दौरान पैरा ट्रूपर्स की टीम अचानक आए बर्फीले तूफान में फंस गई थी, जिसके चलते दो जवानों से संपर्क टूट गया। अब सेना और पुलिस की संयुक्त टीमें कठिन मौसम और चुनौतीपूर्ण भूभाग के बावजूद लगातार तलाशी अभियान में लगी हुई हैं। साथ ही इस बात पर भी नजर रखी जा रही है कि क्षेत्र में किसी आतंकी गतिविधि के संकेत तो नहीं हैं।

गडोल जंगल बना आतंकियों का नया अड्डा

सितंबर 2023 और अगस्त 2024 में हुई दो बड़ी मुठभेड़ों के बाद गडोल इलाका दक्षिण कश्मीर में आतंकवादियों की नई पनाहगाह बन गया है। पहली कार्रवाई सितंबर 2023 में हुई थी, जो करीब एक हफ्ते तक चली। इस दौरान लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर उजैर खान सहित दो आतंकियों को मार गिराया गया था। इस ऑपरेशन में सेना की 19 आरआर यूनिट के कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोंचक, एक जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट शहीद हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी लश्कर के “फाल्कन स्क्वाड” ने ली थी।

अगला बड़ा ऑपरेशन अगस्त 2024 में इसी क्षेत्र में चला, जो दो दिन तक चला। इस मुठभेड़ में सेना के दो सैनिकों समेत दो स्थानीय लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। बाद में दोनों सैनिकों और एक स्थानीय व्यक्ति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।

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