RCB Victory Parade Stampede: आरसीबी और केएससीए प्रशासन पर दर्ज हुई एफआईआर, बेंगलुरु भगदड़ को लेकर बढ़ी कानूनी सख्ती

(न्यूज़लाइवनाउ-Karnataka) बेंगलुरु भगदड़ कांड में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB), इवेंट आयोजक कंपनी डीएनए, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) की प्रबंधन समिति समेत अन्य संबंधित पक्षों पर आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।

बेंगलुरु भगदड़ हादले को लेकर आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB), इवेंट मैनेजमेंट कंपनी डीएनए, और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) की प्रशासनिक इकाई सहित अन्य संबंधित पक्षों के खिलाफ कब्बन पार्क थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। एफआईआर में इस त्रासदी के लिए गंभीर लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को दर्ज की गई इस शिकायत में भारतीय दंड संहिता की धाराएं 105, 125 (1)(2), 132, 121/1 और 190 आर/डब्ल्यू 3(5) के तहत केस दर्ज किया गया है।

RCB, KSCA और पुलिस को डीसी का नोटिस

चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हाल ही में हुई भगदड़ की मजिस्ट्रियल जांच का नेतृत्व कर रहे बेंगलुरु शहरी जिलाधिकारी (डीसी) जी. जगदीश ने गुरुवार को कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA), आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) और शहर के पुलिस आयुक्त बी. दयानंद को नोटिस जारी कर जांच प्रक्रिया में भाग लेने को कहा है। डीसी ने घटनास्थल का दौरा किया और बताया कि बुधवार की इस भीषण भगदड़ में 11 लोगों की जान गई, जबकि 50 से अधिक लोग जख्मी हुए।

15 दिन में जांच पूरी करने का वादा

डीसी जगदीश ने कहा, “मैंने आज KSCA स्टेडियम का मुआयना किया और वहां हुए सभी कार्यक्रमों की समीक्षा की है। मैं संबंधित पक्षों — KSCA प्रबंधन, RCB फ्रेंचाइजी, आयोजन एजेंसी और पुलिस प्रमुख — को पूछताछ हेतु नोटिस जारी कर रहा हूं। आम नागरिकों से भी अपील है कि यदि उनके पास इस घटना से जुड़ी कोई जानकारी है, तो जांच में साझा करें। पूरी जांच 15 दिनों के भीतर पूरी की जाएगी और रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जाएगी।”

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घटना को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट में भी सुनवाई हुई। अदालत ने राज्य के महाधिवक्ता की ओर से दायर रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए इसे स्वत: संज्ञान याचिका के तौर पर दर्ज करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 10 जून, मंगलवार को निर्धारित की है।

सुनवाई के दौरान उपस्थित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने अदालत से अनुरोध किया कि कोई भी पक्ष दोष मढ़ने की जल्दबाज़ी न करे। उनका कहना था कि वे केवल वही तथ्य प्रस्तुत कर रहे हैं जो घटनास्थल पर घटे। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था हेतु 1,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी।

2.5 लाख लोग उमड़े

कर्नाटक सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी ने बताया कि नि:शुल्क एंट्री की घोषणा के चलते अनुमान से कहीं अधिक भीड़ उमड़ पड़ी। आम तौर पर स्टेडियम की 35,000 सीटों में से 30,000 टिकट ही बेचे जाते हैं, लेकिन इस बार करीब 2.5 लाख लोग यह मानकर पहुंच गए कि उन्हें बिना टिकट प्रवेश मिलेगा। उन्होंने कोर्ट को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इस हादसे को टकराव के दृष्टिकोण से नहीं देख रही, बल्कि इसकी तह तक जाकर सीख लेने के इरादे से जांच कर रही है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

कोर्ट ने प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा के दौरान यह भी पूछा कि क्या सभी स्टेडियम गेट खुले थे और क्या आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता पर्याप्त थी। जांच पूरी होने के बाद ही इस सवाल का जवाब स्पष्ट रूप से सामने आ सकेगा कि यह त्रासदी किसी विशिष्ट लापरवाही का परिणाम थी या अचानक उत्पन्न हालातों की देन।

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