RCB विजय परेड भगदड़: बेंगलुरु भगदड़ मामले की हाई कोर्ट में सुनवाई, फ्री एंट्री और एंबुलेंस की कमी को लेकर उठे सवाल
(न्यूज़लाइवनाउ-Bengaluru) RCB विजय जुलूस में भगदड़ पर कोर्ट सख्त, सुनवाई में सामने आई भीड़ प्रबंधन की बड़ी चूक।
8 गुना ज्यादा भीड़
हाई कोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा: बेंगलुरु स्टेडियम भगदड़ में सुरक्षा और चिकित्सा इंतजाम नाकाफी। RCB विजय परेड भगदड़: स्टेडियम से 8 गुना ज्यादा भीड़ उमड़ी, हाई कोर्ट में खुली लापरवाही की परतें।
बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत के मामले की सुनवाई अब कर्नाटक हाई कोर्ट में हो रही है। सरकार की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि प्रशासन इस घटना की गहन जांच कर रहा है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि गलती कहां हुई।
राज्य सरकार के वकील का कहना था कि पुलिस ने पूरे शहर में पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध किए थे, लेकिन अचानक बड़ी संख्या में—करीब ढाई लाख लोग—स्टेडियम के बाहर इकट्ठा हो गए, जिससे हालात बेकाबू हो गए।
11 लोगों की जान चली गई
बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई, जबकि 56 लोग घायल हुए हैं। मृतकों में छह पुरुष और पांच महिलाएं शामिल हैं। कर्नाटक हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने टिप्पणी की कि ऐसी घटनाओं के लिए एक स्पष्ट एसओपी (Standard Operating Procedure) तैयार रहना चाहिए। सरकार के वकील ने जवाब में कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं, इसके लिए प्रयास जारी हैं।
अदालत ने यह भी पूछा कि क्या आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त एंबुलेंस मौके पर उपलब्ध थीं। इस पर सरकार के प्रतिनिधि ने माना कि जरूरत के अनुपात में एंबुलेंस की संख्या कम थी।
सरकारी वकील ने बताया कि स्टेडियम की क्षमता महज 30,000 से 35,000 थी, लेकिन लगभग ढाई लाख लोग स्टेडियम के बाहर एकत्र हो गए थे। हर कोई अंदर प्रवेश करना चाहता था क्योंकि कार्यक्रम में एंट्री निशुल्क थी। हादसे की मजिस्ट्रेट जांच शुरू हो चुकी है, और 15 दिनों में इसकी रिपोर्ट आने की उम्मीद है। सभी मौतें स्टेडियम के बाहर हुई हैं, विशेष रूप से तीन मुख्य द्वारों के सामने अत्यधिक भीड़ थी, हालांकि स्टेडियम में कुल 21 गेट मौजूद हैं।
सरकार ने कहा—दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
कोर्ट ने सवाल उठाया कि क्या सभी 21 द्वार खुले थे? सरकार के प्रतिनिधि ने जवाब दिया कि हमारी जानकारी के अनुसार, हां। हालांकि अंतिम सत्य जांच के बाद सामने आएगा। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि जो भी इस घटना के लिए जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने भी इस हादसे पर दुख जताया है और त्वरित मुआवजे की घोषणा की है। जांच टीम ने आम लोगों से अपील की है कि यदि उनके पास घटना से जुड़ी कोई भी जानकारी हो, तो वे उसे जांच अधिकारियों के साथ साझा करें।
याचिकाकर्ता के सवालों ने खड़े किए कई मुद्दे, कोर्ट में मौजूद याचिकाकर्ता के वकील ने सरकार से कई अहम सवाल पूछे:
- खिलाड़ियों को सम्मानित करने का निर्णय किसका था—राज्य सरकार या क्रिकेट एसोसिएशन का?
- क्या उन खिलाड़ियों को भी सम्मान देना जरूरी था जिन्होंने राज्य या देश का प्रतिनिधित्व नहीं किया?
- कार्यक्रम को दो जगह—विधानसभा और चिन्नास्वामी स्टेडियम—पर आयोजित करने की वजह क्या थी?
अगली सुनवाई 10 जून को निर्धारित
एक अन्य अधिवक्ता ने दावा किया कि फ्री एंट्री की घोषणा RCB फ्रेंचाइज़ी की तरफ से की गई थी और उस समय केवल तीन गेट खुले थे। कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले का स्वतः संज्ञान लेगा। एक वरिष्ठ वकील ने यह भी तर्क दिया कि जिन लोगों पर आरोप हैं वही जांच टीम का हिस्सा हैं, ऐसे में स्वतंत्र जांच समिति का गठन आवश्यक है। इस संवेदनशील मामले की अगली सुनवाई अब 10 जून 2025 को की जाएगी।
और खबरों के लिए हमें फॉलो करें Facebook पर।
Comments are closed.