इमरान खान के ख़िलाफ़ पाक जनता में बढ़ी असंतुष्टि, खतरे में पीएम की कुर्सी।

रिपोर्टों के मुताबिक, कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान में इमरान सरकार ने अपने 13 महीने के कार्यकाल में रिकार्ड कर्जा लिया है।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें लगातार बढ़ रहीं हैं। उन्‍होंने चुनाव में जो वादे किए थे, पाकिस्‍तान की स्थिति उसके ठीक उलट होती जा रही है। यही वजह है कि लोग अब उनसे सवाल पूछ रहे हैं कि वह ‘नया पाकिस्‍तान’ आखिर कहां है जिसका वादा करके वह सत्‍ता में आए थे। वहीं इमरान लोगों को सब्र करने की नसीहतें दे रहे हैं। उनका कहना है कि लोगों में सब्र नहीं है, सरकार को बने अभी तेरह महीने ही हुए हैं, तब्‍दीली तो रफ्ता-रफ्ता ही आएगी। हालांकि, पाकिस्‍तान की तस्‍वीर कुछ अलग ही असलियत बयां करती है। रिपोर्टों के मुताबिक, कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान में इमरान सरकार ने अपने 13 महीने के कार्यकाल में रिकार्ड कर्जा लिया है। इन्‍हीं 13 महीनों में देश के कुल कर्ज में 7509 अरब रुपये की बढ़ोत्‍तरी हुई है। आंकड़े बताते हैं कि अगस्त 2018 से अगस्त 2019 के बीच इमरान खान की सरकार ने विदेश से 2804 अरब रुपये जबकि घरेलू स्रोतों से 4705 अरब रुपये का कर्ज लिया है। कुल कर्जों की बात करें तो पाकिस्‍तान 32,240 अरब रुपये के कर्ज में डूबा हुआ है। यही नहीं इमरान खान की सरकार के आने के बाद तो इसमें 7508 अरब रुपये का इजाफा तक हो चुका है। सरकारें अपना अपना खजाना और कर्जों की भरपाई कर संग्रह की रकम से करती हैं। लेकिन पाकिस्‍तान में मौजूदा वित्तीय वर्ष के पहले तीन महीने में सरकार का कर संग्रह 960 अरब रुपये रहा जो एक ट्रिलियन रुपये के लक्ष्य से कम है। पाकिस्‍तान में कारोबारियों की हालत बेहद खराब होने लगी है। पाकिस्‍तानी कारोबारियों ने सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से मुलाकात करके सरकार द्वारा उचित कदम नहीं उठाए जाने की शिकायतें की है। कारोबारियों का कहना है कि सरकार ने जुबानी भरोसा दिलाने के अलावा कोई कदम नहीं उठाया है। यही आलम रहा तो उन्‍हें कटोरा लेने की नौबत आ जाएगी। यह पाकिस्तान के लिए बेहद शर्मनाक स्थिति बं सकती है।

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