पाक आर्मी चीफ जनरल बाजवा के खिलाफ आए 7 वरिष्ठ आर्मी अधिकारी।
ऐसा कहा जा रहा है कि पाक आर्मी चीफ के कार्यकाल विस्तार में रोक लगाने के पीछे 7 वरिष्ठ आर्मी अधिकारी हैं।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : पाक आर्मी चीफ मुश्किलों में हैं। पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर बाजवा के कार्यकाल बढ़ाने पर लगी रोक खुद बाजवा के लिए बहुत असहज करनेवाली स्थिति है। ऐसा कहा जा रहा है कि पाक आर्मी चीफ के कार्यकाल विस्तार में रोक लगाने के पीछे 7 वरिष्ठ आर्मी अधिकारी हैं। पाकिस्तान के सेना प्रमुख के कार्यकाल की समाप्ति और सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनके सेवा विस्तार पर रोक से पहले पाकिस्तानी सेना में बड़े पैमाने पर बदलाव किया गया। माना जा रहा है कि इन सबके पीछे सोची-समझी रणनीति थी और याचिकाकर्ता को भी सेना के द्वारा पूरा समर्थन मिला है। लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शम्शाद मिर्जा को चीफ ऑफ जनरल स्टाफ नियुक्त किया गया है। आर्मी चीफ के बाद यह पद सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद आमिर को विशेष सहायक जनरल का पद दिया गया है। पाकिस्तान आर्मी की मीडिया विंग आईएसपीआर की ओर से यह लिस्ट जारी की गई है। इन सभी नियुक्तियों को रणनीतिक तौर पर बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस लिस्ट में 2 और कमांडर को महत्वपूर्ण पद दिया गया है। लेफ्टिनेंट जनरल शाहीन मजहर महमूद को मंगला कॉर्पस का प्रमुख नियुक्त किया गया है। मंगला कॉर्प्स पाकिस्तानी सेना में महत्वपूर्ण टुकड़ी होती है जो एलओसी और भारत के खिलाफ होनेवाले आपरेशन देखती है। इसके साथ ही पेशावर कॉर्प्स का प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नौमान महमूद को बनाया गया है। यह टुकड़ी देश के पश्चिमी बॉर्डर और ऐंटी टेरर ऑपरेशन का काम देखती है। सुप्रीम कोर्ट में आर्मी चीफ बाजवा के खिलाफ याचिका दाखिल करने से ठीक पहले सेना में बड़े बदलाव किए गए। कई महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति के ऐलान के बाद मशहूर वकील रियाज हनीफ राही ने सर्वोच्च अदालत में बाजवा के सेवा विस्तार के विरोध में याचिका दाखिल की है। राही का ट्रैक रेकॉर्ड हमेशा ऐसा रहा है कि उन्होंने आर्मी के लिए मुश्किल हालात पैदा करनेवालों के खिलाफ उन्होंने हमेशा कदम उठाया है। उनका रेकॉर्ड पाकिस्तान में याचिकाएं दाखिल करने के लिहाज से काफी विवादित रहा है। आर्मी चीफ के सेवा विस्तार के खिलाफ दाखिल राही की याचिका के बारे में कहा जा रहा है कि बिना सेना की ओर से मजबूत समर्थन के यह याचिका दाखिल करना मुमकिन नहीं है।