(न्यूज़लाइवनाउ-Haryana) हरियाणा कैडर के 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी एडीजीपी वाई पूरण कुमार ने मंगलवार को अपने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित आवास में खुद को गोली मारकर जीवन समाप्त कर लिया। उन्होंने यह कदम अपने पीएसओ की सर्विस रिवॉल्वर से उठाया। उनका शव घर के बेसमेंट में स्थित कमरे से बरामद हुआ।
मौके से आठ पन्नों का अंग्रेज़ी में लिखा सुसाइड नोट और एक दिन पहले तैयार की गई वसीयत मिली है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि उन्होंने नोट में 7 से 8 आईपीएस और 2 आईएएस अधिकारियों के नाम दर्ज करते हुए उन पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। हालांकि, अभी तक पुलिस ने नोट की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
बताया जा रहा है कि पूरण कुमार को 29 सितंबर को रोहतक रेंज के आईजी पद से हटाकर सुनारिया पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में स्थानांतरित किया गया था। वहीं, एक दिन पहले उनके निजी सुरक्षा कर्मी सुशील कुमार को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
शराब कारोबारी प्रवीण बंसल ने शिकायत दर्ज कराई थी कि सुशील उनसे ढाई लाख रुपये मासिक रिश्वत मांग रहा था। उसने अपनी शिकायत के साथ एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी पुलिस को सौंपी। जांच के बाद पुलिस ने सुशील को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
जांच के दौरान सुशील ने कथित रूप से एडीजीपी पूरण कुमार का नाम लिया था। रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया ने बताया कि अभी तक इस प्रकरण में पूरण कुमार को कोई नोटिस जारी नहीं हुआ था।
घटना के समय घर पर कोई मौजूद नहीं था। बताया जा रहा है कि एडीजीपी की पत्नी मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ जापान दौरे पर हैं।
इस आत्महत्या ने हरियाणा पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है, जबकि अधिकारियों के नाम सामने आने से सियासी और प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है।
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