11 मासूमों की मौत के बाद डॉक्टर प्रवीण सोनी हिरासत में, दवा कंपनी पर मामला दर्ज

(न्यूज़लाइवनाउ-Madhya Pradesh) छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत के मामले ने पूरे प्रदेश को हिला दिया है। शनिवार को परासिया थाने में डॉक्टर प्रवीण सोनी और Sresun Pharmaceutical कंपनी के संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इसके तुरंत बाद देर रात पुलिस ने डॉक्टर सोनी को गिरफ्तार कर लिया।

मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से अब तक 11 बच्चों की मौत हो चुकी है, जिसके बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। जांच रिपोर्ट में सामने आया कि इस सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की मात्रा खतरनाक स्तर तक बढ़ी हुई थी। यही जहरीला तत्व बच्चों की मौत की मुख्य वजह बना।

शनिवार को परासिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) के बीएमओ अंकित सहलाम ने डॉक्टर सोनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट की धारा 27(ए), और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105 व 276 के तहत मामला दर्ज किया।

जांच रिपोर्ट में खौफनाक सच्चाई

शनिवार रात जारी हुई तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट की लैब रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया। रिपोर्ट में पाया गया कि Coldrif सिरप में 46.2% डायएथिलीन ग्लाइकॉल मौजूद था — यह वही रसायन है जो एंटी-फ्रीज और ब्रेक फ्लूइड में इस्तेमाल किया जाता है और किडनी को पूरी तरह निष्क्रिय कर सकता है।

जांच रिपोर्ट सामने आते ही मध्य प्रदेश सरकार ने कोल्ड्रिफ सिरप सहित कंपनी की सभी दवाओं की बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी छह राज्यों में फार्मा फैक्ट्रियों की सघन जांच शुरू कर दी है।

सितंबर महीने में परासिया और आसपास के इलाकों में कई बच्चे सर्दी-जुकाम के इलाज के बाद गंभीर रूप से बीमार पड़ने लगे। उन्हें बुखार, उल्टी और पेशाब रुकने जैसी समस्याएं हुईं। शुरू में 6 बच्चों की मौत हुई थी, जो बाद में 11 तक पहुंच गई। जांच में यह बात सामने आई कि इन सभी मामलों में डॉक्टर प्रवीण सोनी ने Coldrif सिरप ही लिखी थी।

बायोप्सी और लैब जांच में DEG की उपस्थिति ने पूरे स्वास्थ्य तंत्र को झकझोर दिया। इतना ही नहीं, राजस्थान से भी इस सिरप से 1-2 बच्चों की मौत की खबरें सामने आई हैं।

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