(न्यूज़लाइवनाउ-India) “ऑपरेशन अस्मिता” के तहत यूपी पुलिस ने एक गुप्त धर्मांतरण गिरोह का पर्दाफाश किया है। छांगुर उर्फ जलालुद्दीन मॉड्यूल के बाद यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है, जिसमें छह प्रदेशों से दस लोगों को हिरासत में लिया गया। जांच में पता चला कि ये लोग युवतियों को प्रेम जाल में फंसाकर मजहब बदलवाने, विदेशों से वित्तीय मदद लेने और चरमपंथी विचारधारा फैलाने में शामिल थे—जिसका तरीका आतंकी संगठन ISIS की गतिविधियों से मिलता-जुलता है।
पुलिस ने बताया कि इस गिरोह के तार प्रतिबंधित संगठनों—पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI)—के साथ-साथ पाकिस्तान के चरमपंथी गुटों से भी जुड़े होने की आशंका है।
2 बहनों की गुमशुदगी ने खोला जाल
मार्च 2025 में आगरा के सदर बाजार थाना क्षेत्र से 33 और 18 वर्ष की दो बहनों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 87, 111(3), 111(4) और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया। जब जांच आगे बढ़ी, तो पूरे नेटवर्क की परतें खुलने लगीं और केस को साइबर थाने में स्थानांतरित कर विस्तृत जांच की गई।
प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि यह संगठन अत्यंत सुनियोजित ढंग से कार्य कर रहा था। इसमें शामिल लोग विशेष तौर पर युवतियों को प्रेम संबंधों में फंसाकर मजहब परिवर्तन के लिए उकसाते थे। इसके अलावा विदेशी स्रोतों से फंडिंग ली जाती थी। इस जाल की जड़ें दिल्ली, राजस्थान, गोवा, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश तक फैली हुई हैं।
11 टीमों ने 6 राज्यों में मारा छापा
पुलिस महानिदेशक और अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) के निर्देश पर यूपी पुलिस, एसटीएफ और एटीएस की कुल 11 टीमों का गठन किया गया। इन टीमों को विभिन्न राज्यों में भेजा गया। साक्ष्य एकत्र करने के बाद सात अभियुक्तों पर गैर-जमानती वारंट जारी किए गए और कुल दस लोगों को गिरफ्तार किया गया।
“ऑपरेशन अस्मिता” में गिरफ्तार आरोपी
- आयशा (पूर्व नाम एस.बी. कृष्णा) – गोवा
- अली हसन (पूर्व नाम शेखर रॉय) – कोलकाता
- ओसामा – कोलकाता
- रहमान कुरैशी – आगरा
- अब्बू तालिब – मुजफ्फरनगर
- अबुर रहमान – देहरादून
- मोहम्मद अली – जयपुर
- जुनैद कुरैशी – जयपुर
- मुस्तफा (पूर्व नाम मनोज) – दिल्ली
- एक अन्य मोहम्मद अली – जयपुर
पुलिस के अनुसार इस गिरोह में हर व्यक्ति की भूमिका तय थी—कोई लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाता था, कोई दस्तावेज बनवाता, कोई कट्टरता फैलाने का जिम्मा निभाता। कुछ लोग फंडिंग के लिए जिम्मेदार थे तो कुछ कानूनी सलाह और सिम-फोन की व्यवस्था करते थे।
फंडिंग अमेरिका और कनाडा जैसे देशों से आ रही थी, जो हवाला और अन्य माध्यमों से इस नेटवर्क तक पहुंचती थी।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल पूछताछ जारी है और इस जाल में शामिल अन्य व्यक्तियों की तलाश की जा रही है। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारी संभव है।
Comments are closed.