(न्यूज़लाइवनाउ-Iran) ईरान और इजरायल के बीच टकराव अब और तेज हो गया है। ईरानी सरकारी मीडिया ने दावा किया है कि तेहरान ने इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के एक प्रमुख ठिकाने को निशाना बनाया है।
ईरान ने आगे और आक्रामक कार्रवाइयों की चेतावनी दी है। इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वे केवल संघर्षविराम नहीं, बल्कि इस युद्ध का स्थायी समाधान चाहते हैं।ईरान ने दावा किया है कि उसने मोसाद के मुख्यालय पर हमला किया है, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक बड़ी घटना मानी जा रही है।
200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है
अब तक की झड़पों में ईरान में 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि इजरायल में भी कई लोगों की मौत हुई है। यह जानकारी ईरान की सरकारी प्रेस एजेंसी ने दी है।ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने कहा है कि मंगलवार को हुए संघर्ष के दौरान उसने मोसाद के एक गुप्त ठिकाने को निशाना बनाया। वहीं, इजरायली सेना ने इस हमले को मामूली बताया और कहा कि केवल एक बस पार्किंग क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है।
इस हमले में रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें एमन लॉजिस्टिक्स केंद्र और हर्जलिया स्थित मोसाद का मुख्यालय शामिल है।ईरान की नई चेतावनीईरानी सेना ने इजरायल को चेताया है कि जल्द ही और भी शक्तिशाली और आधुनिक हथियारों से हमला किया जाएगा। मंगलवार को इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने जानकारी दी कि ईरान ने 30 मिसाइलें दागीं, जिनमें से कुछ इजरायल की सुरक्षा प्रणाली को पार करने में सफल रहीं।
आईडीएफ ने एक बयान में कहा, “हम अपनी उन्नत खुफिया जानकारी, हवाई नियंत्रण और जटिल सैन्य अभियानों के जरिये अपने दुश्मनों का पीछा करते रहेंगे।”
इसी दौरान, इजरायल ने यह भी दावा किया है कि उसने एक हवाई हमले में ईरान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी अली शादमानी को मार गिराया है। यह वही अधिकारी हैं जिन्हें हाल ही में उनके पूर्ववर्ती की हत्या के बाद जिम्मेदारी सौंपी गई थी।इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह केवल एक अस्थायी संघर्षविराम नहीं, बल्कि युद्ध का वास्तविक और अंतिम समाधान चाहते हैं।
ट्रंप ने कहा, “मैं कोई अस्थायी हल नहीं चाहता, हमें इससे अधिक की जरूरत है। मैं चाहता हूं कि यह टकराव पूरी तरह समाप्त हो — केवल बातों से नहीं, ठोस नतीजों से।” उन्होंने यह भी कहा कि ईरान को पहले ही प्रस्तावित शांति समझौते को मान लेना चाहिए था। अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर ट्रंप ने लिखा कि उन्होंने ईरान से शांति वार्ता को लेकर कोई संपर्क नहीं किया और अब तेहरान के पास बहुत कम मौके बचे हैं।
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